बदरीनाथ (चमोली)। उत्तराखंड सरकार की ओर से बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति को भंग कर देवस्थानम बोर्ड बनाये जाने का कांग्रेस ने विरोध करते हुए शुक्रवार को कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने बदरीनाथ में धरना देते हुए कहा कि यह हकहकूक धारियों के हको पर कुठाराघात करता है। जिसका कांग्रेस विरोध करती है और इस व्यवस्था को समाप्त करने की मांग सरकार से करती है।
बदरीनाथ में धरना स्थल पर देवस्थानम बोर्ड के विरोध में बोलते हुए कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड बनाकर सरकार ने मंदिरों को अपने कब्जे में लेकर वहां के धन पर अपनी नजरे गढाई हुई है। उन्होंने कहा कि जब देवस्थानम बोर्ड मंदिरों के हक में है तो सरकार ने इसके लिए पूर्व में जनमत संग्रह क्यों नहीं किया और अचानक मंदिर समिति को भंग कर इस व्यवस्था को क्यों लागू कर दिया। उन्होंने कहा कि इससे साफ जाहिर है कि सरकार की मंशा सिर्फ चारधाम के बड़े मंदिरों से दान के रूप में मिलने वाले धन की बंदर बांट करना है। उन्होंने कहा कि सरकार को यहां के हक हकूकधारियों के अधिकारियों को भी तय करना होगा और उनके रोजगार की व्यवस्था करनी होगी।
कांग्रेस के जिलाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उनकी पार्टी देवस्थानम बोर्ड के साथ ही जिला विकास प्राधिकरण का भी विरोध करती है। पहाड़ में लोगों के पास इतनी भूमि नहीं है कि वह भवन बनाने के लिए प्राधिकरण के नियमों के अनुसार नक्शा तैयार करे। उन्होंने कहा कि पहाड़ के अनुरूप ही यहां के विकास की बात सोची जा सकती है। एसी कमरों में बैठकर पहाड़ का विकास संभव नहीं है। पूर्व काबीना मंत्री मंत्री प्रसाद नैथाणी ने कहा कि उनकी पार्टी देवस्थानम बोर्ड के साथ ही जिला विकास प्राधिकरण और मास्टर प्लान का विरोध करते है ंऔर जब तक सरकार इस मामले में कारगर कदम नहीं उठाती है तब तक इसका विरोध जारी रहेगा। धरना देने वालों में मंत्री प्रसाद नैथाणी, जिलाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह रावत, कमल रतूडी, पितांबर मोल्फा, राजेश मेहता, डा. जमुना प्रसाद पुरोहित, विनोद डिमरी, अजीत पाल आदि शामिल थे।