हल्द्वानी। भाकपा(माले) राज्य कमेटी ने उत्तराखंड में आई आपदा में हुए जान-माल के भारी नुकसान पर भारी दुःख प्रकट करते हुए मृतकों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट की है। माले ने केन्द्र व राज्य सरकार की पूरे हादसे पर टालमटोल व खाना पूर्ति वाले रवैये की तीव्र भर्त्सना की है।
भाकपा(माले) के राज्य सचिव राजा बुहगुणा ने कहा कि, जान माल के इतने बड़े नुकसान के बाद भी केन्द्र व राज्य सरकार आपदा से हुए नुकसान के मूल कारणों की वैज्ञानिक व तथ्य परक जांच पड़ताल करने को तैयार नहीं दिखती हैं। उन्होंने कहा कि, ऑल वेदर रोड से हो रही बर्बादी हो, नैनीताल में झील का खतरनाक ढंग से ओवर फ्लो हो, रामगढ़ ब्लॉक में हुआ भारी नुकसान हो या तराई में रूद्रपुर शहर जैसे इलाकों में हुआ जल भराव या गौला पुल का बार बार दरक जाना ऐसे चंद उदाहरण हैं जिसके लिए नीति नियंताओं का जन विरोधी विकास की सोच व भ्रष्टाचार जिम्मेदार है।
उन्होंने कहा कि, ऑल वेदर रोड की बात करें तो यह केन्द्र सरकार का मध्य हिमालय के संवेदनशील इलाके में केदार आपदा तक से सबक न लेने का उत्तराखंड के लिए एक बड़ा आत्मघाती कदम है। उन्होंने कहा कि, विश्व पर्यटन में ऊँचा दर्जा प्राप्त नैनीताल की झील में सिल्ट का भरना, सूखाताल में गलत तरीके से निर्माण कार्य को अंजाम दिया जाना व शहर के नालों/ड्रेनेज सिस्टम की बुरी स्थिति व पेड़ों के कटान व अनियंत्रित भवन निर्माण ने मौजूदा स्थिति उत्पन्न की है जिसका निकट भविष्य में बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
उन्होंने कहा कि, गौला पुल का बार-बार टूटना भाजपा-कांग्रेस की सरकारों की लूट खसोट की राजनीति का एक उदाहरण है। चरम भ्रष्टाचार इसके केन्द्र में है।
हर बरसात में गौला नदी का रूख बदलना व बड़े पैमाने पर कृषि योग्य भूमि के बहने पर भी किसी मुकम्मल योजना का न होना इसके केन्द्र में है। उन्होंने कहा कि, आम तौर से नदी नालों का प्रॉपर मेंटेनेन्स न होना या अनियंत्रित निर्माण के नीचे परंपरागत पानी के निकासी के चैनलों का दफन हो जाना या निर्माण कार्यों के साथ प्रॉपर ड्रेनेज का अभाव मौजूदा बर्बादी का कारण है। राजा बहुगुणा ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि, राज्य सरकार अभी तक सरकार जान माल के नुकसान का सही आकलन नहीं कर पाई है और रामगढ़ ब्लॉक में सरकार ने उत्पन्न विकट स्थिति को जानने की सुध तक नहीं ली है। उन्होंने राज्य सरकार से मांग की कि वह सभी मृतकों पर प्रति व्यक्ति 50 लाख रूपया व घायलों को पांच लाख मुआवजा व जिनके घर व खेत ध्वस्त हो गए हैं संपूर्ण व न्यायोचित आकलन कर संपूर्ण नुकसान की भरपाई करे। जिन किसानों की फसल बर्बाद हुई हैं उसका उन्हे समुचित मुआवजा दिया जाय।