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देवाल (चमोली)। चमोली जिले के देवाल क्षेत्र के आरक्षित वन क्षेत्र में वर्षों से रह रहे लोगों को यदि वन विभाग ने बेदखल करने को लेकर शुक्रवार को माकपा की बैठक में आंदोलन करने की चेतावनी दी है। पिछले 70 से 75 वर्षों से वन भूमि में रह रहे पांच सौ से  अधिक कब्जाधारियों के सामने वन विभाग की ओर से 20 फरवरी तक कब्जाई वन भूमि  के बेदखली की तलवार लटक रही है। बमोटिया, सवाड, पलवरा, वाण, चौड, लिगडी, मेलमीडा, नलधूरा, कोटेड आदि गांवों  के सैकड़ों लोगों के सामने रहने का संकट खड़ा हो गया है। आखिर 20 फरवरी बाद कब्जाधारी लोग कहां जाएंगे। उनके माथे पर चिन्ता की लकीरें नजर आने लगी है।

इस संबंध में शुक्रवार को माकपा की बैठक में पार्टी के पिंडर सचिव ललित मिश्रा ने कहा कि इतने लंबे समय से लोग अपने परिवार के साथ आरक्षित वन भूमि में रह रहे हैं, जो सभी   लोग भूमिहिन है। अब वन विभाग उनको नोटिस दे कर कब्जा खाली करने के लिए कह रहे हैं। लोगों सामने संकट बना है। सर्व सम्मति से वन विभाग के खिलाफ आंदोलन प्रस्ताव पास किया है, वहीं पूर्व प्रमुख डीडी कुनियाल ने कहा कि प्रदेश सरकार बाहर के लोगो को बसा रही और जो लोग भूमि हिन है और अपनी दरगुज़र के लिए वन भूमि पर रह रहे उनको  हटाने में लगी जो गरीबों के साथ अन्याय होगा। इन लोगों को हटाया गया तो लोगों को सड़कों पर उतरना पड़ेगा।

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