गोपेश्वर (चमोली)। भाकपा(माले) उत्तराखंड में विधानसभा के दो उपचुनावों में सत्ताधारी भाजपा को सबक सिखाने का आह्वान, प्रदेश की जनता से की है।
भाकपा माले के प्रदेश सचिव इंद्रेश मैखुरी ने कहा कि बदरीनाथ विधानसभा के उपचुनाव का बोझ तो भाजपा ने ही प्रदेश की जनता पर लादा है। इस उपचुनाव की कोई आवश्यकता नहीं थी, लेकिन भाजपा की तोड़-फोड़, खरीद-फरोख्त की राजनीति का ही परिणाम है कि बदरीनाथ विधानसभा क्षेत्र की जनता और समूचे प्रदेश पर एक उपचुनाव थोप दिया गया है। भाजपा के छल-प्रपंच और दोहरे चरित्र का खुलासा इस बात से हो जाता है कि जिस व्यक्ति को वे कल तक भ्रष्टचारी कहते थे, उस व्यक्ति को अपनी पार्टी में शामिल करके सबसे सुयोग्य प्रत्याशी बता रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जोशीमठ की आपदा के साल भर के बाद भी वहां के विस्थापन, पुनर्वास, स्थिरीकरण के लिए कोई ठोस नीति और कार्ययोजना उत्तराखंड की भाजपा सरकार नहीं बना सकी है। जोशीमठ में लोग अभी भी असुरक्षा के साये में जीने को विवश हैं। जोशीमठ वासियों की सुरक्षा का ठोस इंतजाम करने के बजाय भाजपा, विधायक के रूप में वही पुराना व्यक्ति अपने रैपर में लपेट कर उनको देना चाहती है, जो दल बदल करने के लिए काम न करवा पाने को तर्क के रूप में प्रस्तुत कर रहे थे। यह किसी भी हालत में स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
मैखुरी ने कहा कि पूरी बदरीनाथ विधनसभा क्षेत्र की ही पिछले दो साल में उपेक्षा हुई है। आपदा से प्रभावित तमाम गांव को कोई राहत नहीं मिली। गोपेश्वर मुख्यालय में दरार धंसाव के पीड़ित लोगों भी सरकार से राहत की उम्मीद लगाए है। खेती किसानी पर जंगली जानवरों के हमले से लेकर शिक्षा, स्वास्थ्य की बदहाली से पूरे विधानसभा क्षेत्र की जनता पीड़ित है। इसका जवाब सत्ता पक्ष की ओर से दिया जाना चाहिए। बदरीनाथ विधानसभा की जनता को चाहिए कि वे दल-बदल, खरीद-फरोख्त और तोड़-फोड़ की राजनीति को मुंह तोड़ जवाब दें और सत्ता मद में चूर भाजपा को सबक सिखाऐं। उन्होंने कहा कि हरिद्वार जिले के मंगलौर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा ने ऐसे व्यक्ति को प्रत्याशी बनाया है, जिसका मंगलौर और उत्तराखंड से कोई लेना-देना नहीं है। संविधान, लोकतंत्र की पक्षधर ताकतों के में मंगलौर की जनता को खड़ा होना चाहिए। प्रत्यक्ष रूप से भाजपा और परोक्ष रूप से भाजपा के साथ खड़े होने वालों को शिकस्त देनी चाहिए।