गोपेश्वर (चमोली)। बिजली की दरों में तीन फीसदी का इजाफा किये जाने के विरोध में गुरूवार को सीपीएम के साथ अन्य वामपंथी संगठनों ने जिलाधिकारी कार्यालय के परिसर में धरना देते हुए बढ़े हुए दामों को वापस लिये जाने की मांग को लेकर जिलाधिकारी के माध्यम से एक ज्ञापन राज्यपाल को भेजा है।

सीपीएम के जिला सचिव भूपाल सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड एक ऐसा प्रदेश है जहां पर तमाम जल विद्युत परियोजनाऐं बिजली का उत्पादन कर रही है और कई परियोजनाऐं अभी निर्माणाधीन है। इन जल विद्युत परियोजनाओ के कारण कई लोग बेघर हो चुके है। यहां के लोगों को इन परियोजनाओं से मुफ्त में बिजली मिलनी चाहिए लेकिन हो इसके विपरित रहा है कि उल्टा सरकार लगातार बिजली के बिलों में बढ़ोत्तरी करती जा रही है। विद्युत नियामक आयोग की ओर से तीन फीसदी बढ़ोत्तरी का फरमान जारी कर दिया गया है जो इसी वर्ष अप्रैल माह से लागू हो जायेगा। पहले ही यहां की जनता मंहगाई की मार झेल रही है और अब फिर से उनके उपर और आर्थिक बोझ डाला जा रहा है जिसका उनकी पार्टी विरोध करती है। उन्होंने राज्यपाल से मांग की है कि इस बढ़ोत्तर को वापस लेने के लिए प्रदेश सरकार और विद्युत नियामक आयोग को निर्देशित करे। ताकि जनता का आर्थिक बोझ कम हो सके। इस मौके पर धरना देने वालो में भूपाल सिंह रावत, ज्ञानेंद्र खंतवाल, गजेंद्र सिंह बिष्ट, प्रदीप, मीना बिष्ट, उषा बिष्ट, नरेंद्र सिंह, नंदन सिंह, गैणा राम, मदन मिश्रा, प्रताप सिंह आदि शामिल थे।

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