गोपेश्वर (चमोली)। भाकपा माले के प्रदेश सचिव इंद्रेश मैखुरी ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि उत्तरकाशी में अल्पसंख्यकों के धर्मस्थल को निशाना बनाने के लिए गुरूवार को सांप्रदायिक तत्वों ने जिस तरह का उत्पात, तोड़फोड़ और अराजकता मचाई, पुलिस पर भी पथराव किया, वह निंदनीय है। इस सांप्रदायिक उत्पात का नेतृत्व करने वालों और इसमें शामिल तत्वों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह भी स्पष्ट हो गया है कि उत्तराखंड में कुछ चिह्नित तत्व हैं, जो सांप्रदायिक उत्पात की घटनाओं में सब जगह मौजूद हैं, उनके विरुद्ध कठोर निरोधात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए।
भाकपा माले के प्रदेश सचिव ने आरोप लगाते हुए कहा कि यह जानते हुए भी कि सांप्रदायिक तत्वों का निशाना मस्जिद है, उत्तरकाशी के जिला प्रशासन का रैली करने की अनुमति देना ही सांप्रदायिक तत्वों की मदद करने जैसी कार्रवाई है। इस मामले में उत्तरकाशी के जिला प्रशासन की भूमिका शुरू से संदिग्ध है। उन्होंने कहा कि सूचना अधिकार में भ्रामक एवं झूठी जानकारी दे कर इस मामले में सांप्रदायिक तत्वों के हाथों औजार दिया गया, जिसने उत्तरकाशी को अशांत कर दिया। उन्होंने कहा कि यह हैरत की बात है कि सूचना अधिकार में झूठी जानकारी देने वाले लोक सूचना अधिकारी के खिलाफ उत्तरकाशी के जिलाधिकारी की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गयी। उन्होंने कहा कि यह बात भी स्पष्ट होनी चाहिए कि क्या गलत सूचना देकर माहौल को सांप्रदायिक करने वाले अधिकारी को उत्तरकाशी के जिलाधिकारी का संरक्षण है या इस कृत्य में उनकी मौन सहमति शामिल है।
मैखुरी ने आरोप लगाया कि उत्तरकाशी समेत पूरे प्रदेश में चल रहे सांप्रदायिक उन्माद को राज्य की भाजपा सरकार का संरक्षण है। मुख्यमंत्री स्वयं सांप्रदायिक शब्दावली का प्रयोग करके उन्माद के अभियान का नेतृत्व करते हैं। उत्तरकाशी एवं उत्तराखंड की जनता से हम शांति, सौहार्द और भाईचारा कायम रखने की अपील करते हैं। उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक तत्वों का उद्देश्य अपने क्षुद्र राजनीतिक स्वार्थों की पूर्ति करना है, जिसकी कीमत आगे चल कर आम लोगों को चुकानी पड़ेगी। इसलिए आम लोगों को इनके जाल में नहीं फंसना चाहिए, इन तत्वों का खुल कर विरोध करना चाहिए।