पोखरी (चमोली)। अभावों में जीना पहाड़ की नियती बन गई है। सड़क के अभाव में कभी बीमार को तो कभी पेंशन के लिए बुजुर्गों को डंडी, कंडी के सहारे लाना ले जाना पड़ रहा है। शुक्रवार को पोखरी विकास खंड के साकनी गांव की 85 वर्षीय कल्पेश्वरी देवी को पेंशन के लिए जीवित प्रमाण पत्र ऑन लाइन जमा करवाने के लिए उनके परिजन पांच किलोमीटर डंडी में लाद कर जन सेवा केंद्र उडामांडा तक लाया गया।
साकनी गांव की 85 वर्षीय कल्पेश्वरी देवी को पेंशन के लिए हर वर्ष अपना जीवित प्रमाण पत्र कोषागार में जमा करवाना होता है। शुक्रवार को जब उन्हें जीवित प्रमाण पत्र आॅन लाइन जमा करवाना था तो उनके पुत्र जगदीश नेगी व अन्य ग्रामीण नीरज चैहान, सत्येन्द्र नेगी, सुभाष नेगी उन्हें पांच किलोमीटर डंडी में लादकर जनसेवा केंद्र तक लाये जहां उनका ऑन लाइन प्रमाण पत्र जमा करवाने के बाद फिर से वापस गांव ले जाया गया। इस गांव को जोड़ने के लिए 2014 से स्वीकृत उडामाणडा-विनगढतल्ला-खूनीगाड मोटर मार्ग के निर्माण कार्य के लिए वर्तमान समय तक वित्तीय स्वीकृति न मिलने से क्षेत्रीय ग्रामीणों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड रहा है। ग्रामीणों को गांव से मुख्य सड़क मार्ग तक पहुंचने के लिए पांच किलोमीटर की दूरी पैदल नापनी पड़ रही है। बीमार, बच्चों, बुजुर्गाे, गर्भवती महिलाओं को ग्रामीण डंडी कंडी के सहारे अस्पताल पहुंचाते हैं।
क्षेत्र पंचायत सदस्य सुभाष नेगी, विनगढ के पूर्व प्रधान हर्षवर्धन चौहान का कहना है कि वे 2014 से इस मोटर मार्ग की वित्तीय स्वीकृति के लिए मामला शासन मे लटका हुआ है। यदि इस मोटर मार्ग का निर्माण हो जाता तो करछूना, कुमेडा तल्ला, विनगढ, साकनी, उदयपुर, सिनाऊ तल्ला-मल्ला के ग्रामीणों को इस मार्ग का लाभ मिल जाता। हर्षवर्धन चैहान, सुभाष नेगी का कहना है कि सडक के अभाव मे इन ग्राम सभाओं के बीमार, बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं को ग्रामीण डंडी-कंडी के सहारे अस्पताल ले जाना पडता है।