गोपेश्वर (चमोली)। चमोली जिले के सगर गांव के बेरोजगार युवाओं और जनप्रतिनिधियों ने रूद्रनाथ के बुग्याली क्षेत्रों में उच्च न्यायालय की ओर से लगी रात्रि विश्राम पर रोक हटाने के लिए सरकार से पुनर्विचार याचिका दायर करने की मांग की है। उन्होंने इस संबंध में एक पत्र गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत को उनके चमोली प्रवास के दौरान सौंपा है।
क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता सतेंद्र रावत, देवेंद्र सिंह बिष्ट, कुलदीप नेगी और प्रकाश बिष्ट का कहना है कि उत्तराखंड तीर्थाटन के साथ ही पर्यटन के लिए पूरे विश्व में जाना जाता है। यहां के तीर्थाटन और पर्यटन से यहां के बरोजागर युवाओं का स्वरोजगार भी जुड़ा हुआ है। रूद्रनाथ धाम की यात्रा पांच माह तक संचालित होती है। इस दौरान क्षेत्र के बेरोजगार युवा यहां पर खच्चर, गाइड, पोर्टर समेत मार्ग पर ढाबों का संचालन कर अपनी रोजी रोटी चलाते है लेकिन जब से उच्च न्यायालय में बुग्याली क्षेत्रों में रात्रि विश्राम पर रोक लगायी है तब से उनका रोजगार छिन गया है। उनका यह भी कहना है कि गोपेश्वर-उखीमठ मोटर मार्ग पर चोपता भी सेंचुरी एरिया में आता है जबकि वहां पर लोग अपना रोजगार चला रहा है। ऐसे ही यदि रूद्रनाथ मार्ग पर भी युवाओं को स्वरोजगार चलाने की इजाजत मिल जाती है तो युवाओं के आय के साधन बढ़ जाते। उन्होंने सांसद से मांग की है कि सरकार से उच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर कर युवाओं को स्वरोजगार करने के लिए संसाधन उपलब्ध करवाये।