गोपेश्वर (चमोली)। वन पंचायत सरपंच संगठन चमोली ने सरकार से मांग की है कि वन पंचायतों को सशक्त बनाने तथा स्थानीय लोगों को वनों पर अधिकार दिये जाने के लिए वन पंचायत नियमावली 2006 को लागू किया जाए ताकि हक हकूकधारियों को इसका लाभ मिल सके।

वन संगठन के बहादूर सिंह रावत, जितेंद्र सिंह कठैत, दर्शन सिंह झिक्वाण का कहना है कि वर्तमान में उत्तराखंड में जो वन पंचायत नियमावली 2005 चल रही है उससे वनों पर वन विभाग के अधीन हो गया है। जिससे स्थानीय लोगों के हक हकूक समाप्त हो गये है। ऐसे में स्थानीय लोग भी वनों को बचाने में कोई सहभागिता नहीं निभा रहे है जिससे वन घटते चले जा रहे है। और पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंच रहा है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में उन्होंने मुख्यमंत्री को भी एक ज्ञापन भेजा है जिसमें मांग की गई है कि वन पंचायत नियमावली 2006 को लागू किया जा ताकि वनों पर स्थानीय लोगों अधिकार मिल सके। साथ ही वन पंचायतों को अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासी अधिनियम 2006 के तहत सामुदायिक वन के प्रबंधन के लिए गठित होने वाली सामुदायिक वन संसाधन प्रबंधन समिति के रूप में मान्यता दी जाए।

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