हरिद्वार। गंगा दशहरा स्नान पर्व पर हरिद्वार में गंगा स्नान करने के लिए भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने हरकी पैड़ी समेत गंगा के विभिन्न घाटों पर गंगा में डुबकी लगा पुण्य लाभ अर्जित किया। मान्यता है कि मां गंगा आज के दिन ही धरती पर अवतरित हुई थीं। गंगा ने भागीरथ के पुरखों का उद्धार किया था। इसीलिए आज के दिन गंगा स्नान का बड़ा महत्व माना जाता है।
गंगा दशहरा के मौके पर आज हरिद्वार में स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। आधी रात के बाद से ही यहां पर स्नान करने के लिए लोग पहुंचना शुरू हो गए थे। देर रात से आरम्भ हुआ गंगा में डुबकी लगाने का सिलसिलादिन भर अनवरत जारी रहा। गंगा स्नान के पश्चात लोगों ने देव दर्शन कर दान-पुय आदि कर्म किए। मान्यता है कि आज के दिन गंगा में स्नान करने से दस प्रकार के पापों को निवारण हो जाता है। इसी कामना के साथ लोग हरिद्वार पहुंचे और गंगा में आस्था की डुबकी लगायी।
मान्यता है कि राजा सगर के पुत्रों का उद्धार करने के लिए राजा भगीरथ हजारों साल तपस्या करके गंगा को स्वर्ग लोक से धरती पर लाये थे। आज के दिन ही भगीरथ के प्रयास से गंगा शिव की जटाओं से होती हुई जब धरती पर आईं थी। इसीलिए माना जाता है कि गंगा जब धरती पर अवतरित हुईं तब 10 तरह के योग मौजूद थे। इसीलिए गंगा दशहरा को दस तरह के पापों को दूर करने वाला भी माना जाता है।
गंगा दशहरा स्नान पर्व को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात किया गया था। समूचे मेला क्षेत्र को 16 जोन, 4 सुपर जोन व 37 सेक्टरों में विभक्त कर अधिकारियों कीतैनाती की थी। गंगा स्नान पर्व से पूर्व ही तीर्थनगरी के सभी होटल, धर्मशाला पूरी तरह से पैक हो चुकी थी। चुकिं 11 जून को निर्जला एकादशी को भी स्नान है, इस कारण से रविवार तक तीर्थनगरी में रद्धालुओं की भारी भीड़ रहने की उम्मीद है।