जोशीमठ (चमोली)। चमोली जिले के जोशीमठ ब्लाॅक के आपदा प्रभावित क्षेत्र रैणी के ग्रामीणों ने प्रशासन पर आपदा के बाद पुख्ता आवासीय व्यवस्था न करने का आरोप लगाया है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से आवास और मवेशियों को रखने के लिये पुख्ता व सुगम व्यवस्था बनाने की मांग उठाई है।
बता दें कि बीती 14 जून को ऋषिगंगा से हुए कटाव के चलते वल्ली रैंणी गांव भूस्खलन की जद में आ गया है। जिसके बाद प्रशासन ने ग्रामीणों की सुरक्षा को देखते हुए प्राथमिक विद्यालय पल्ली रैंणी में आवास की व्यवस्था की। लेकिन यहां मवेशियों को रखने का कोई इंतजाम नहीं है। ऐेसे में ग्रामीणों के मवेशी अभी भी भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र हैं। ऐसे में अब ग्रामीण प्रतिदिन मवेशियों की देखभाल के लिये भूस्खलन प्रभावित गांव में जा रहे हैं। ग्राम प्रधान संगठन के जिला महामंत्री पुष्कर सिंह राणा, आपदा प्रभावित प्रेम सिंह, बलवंत सिंह और कुंदन सिंह का कहना है कि प्रशासन की ओर से आपदा की जद में आये प्राथमिक विद्यालय के छह कक्षों में ग्रामीणों की रहने की व्यवस्था की गई है। वहीं मवेशियों की देखरेख के लिये मलारी हाईवे पर कटाव से खतरनाक बने वैली ब्रिज से आवाजाही करनी पड़ रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण के लिये ग्रामीणों की ओर से सहमति दिये जाने के बाद प्रशासन ने आपदा प्रभावितों कोई सुध नहीं ली है। ऐसे में जहां ग्रामीण स्वयं को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। वहीं उन्होंने सोमवार से सड़क के आसपास स्वयं सुरक्षित स्थान चयनित कर टैंट लगाकर मवेशियों के साथ रहने की बात कही है।
रैंणी के ग्रामीणों के आवास की व्यवस्था पूर्व में तपोवन जीआईसी में की गई थी। लेकिन ग्रामीणों की ओर से अधिक दूरी होने की बात कही गई थी। जिसके चलते प्राथमिक विद्यालय में आवास की व्यवस्था की गई है। यदि ग्रामीणों को यहां किसी प्रकार की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है तो इसे दिखवाया जाएगा और ग्रामीणों की अन्यत्र व्यवस्था करवाई जाएगी।
स्वाती एस भदौरिया, जिलाधिकारी चमोली।