गोपेश्वर (चमोली)। जिलाधिकारी चमोली हिमांशु खुराना ने गुरूवार को बैरांगना मत्स्य प्रजनन केन्द्र का निरीक्षण करते हुए अधिक से अधिक लोगों को मत्स्य पालन से जोड़ने और बैंरांगना मत्स्य प्रजनन केन्द्र को एक टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए। बैंरागना स्थित मत्स्य प्रजनन केन्द्र से राज्य के सभी ठंडे जिलों के किसानों को ट्राउट मछली के बच्चे दिए जाते है साथ ही यहां पर काफी किसान ट्राउट मछली पालन से जुड़े है।

 जिलाधिकारी ने बैंरागना स्थित हैचरी एवं मत्स्य तालाबों का निरीक्षण करते हुए यहां की गतिविधियों के बारे में जानकारी ली। उन्होंने मछली पालन के लिए अधिक से अधिक लोगों को प्रशिक्षित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिए स्वयं सहायता समूहों पर विशेष फोकस किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि अगले चरण में महिलाओं को मछली से विभिन्न प्रकार के फूड, आचार इत्यादि बनाने का भी प्रशिक्षण दिया जाए। इसके लिए केन्द्रीय मत्स्य पालन संस्थान से प्रशिक्षक की व्यवस्था की जाए। ताकि मछली पालन से जुड़े किसानों को अधिक फायदा मिल सके। मत्स्य निरीक्षक ने अवगत कराया कि क्षेत्र से 12 सदस्यों की टीम आजकल विशेष प्रशिक्षण के लिए सीआईएफटी गुजरात भेजी गई है।

जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि बैरांगना मत्स्य प्रजनन केन्द्र को मॉडल टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने के लिए कार्ययोजना तैयार की जाए। मत्स्य प्रजनन केन्द्र में संचालित फूड कैफे को चोपता एवं आसपास आने वाले पर्यटकों से जोड़कर यहां पर पर्यटक गतिविधियां बढाई जाए। पर्यटकों की जानकारी के लिए प्रमुख स्थलों पर साइनेज लगाए जाए और यहां पर विजिट करने वाले पर्यटकों फिशरीज के बारे में जानकारी देने के लिए गाइड की व्यवस्था की जाए। ताकि पर्यटकों को केन्द्र में मछली की ब्रीडिंग एवं हैचरी के बारे में जानकारी मिल सके। इसके लिए पर्यटकों से न्यूनतम शुल्क भी निर्धारित किया जा सकता है। मत्स्य प्रजनन केन्द्र में पूर्व में वोटिंग के लिए आवंटित तालाब में अभी तक वोटिंग शुरू न करने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए जिलाधिकारी ने जल्द वोटिंग शुरू कराने तथा तालब तक पहुंच मार्ग को भी ठीक कराने के निर्देश दिए। 

बैंरागना स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को मत्स्य पालन के लिए प्रोत्साहित करते हुए जिलाधिकारी ने उनके सुझाव एवं समस्याओं के बारे में भी जानकारी ली। जिले में मछली के फीड की हर वक्त उपलब्धता को लेकर जिलाधिकारी ने मत्स्य निरीक्षक को निर्देश दिए कि मंडल में फीड स्टोर की व्यवस्था बनाई जाए और इच्छुक स्वयं सहायता समूह के माध्यम से इसका संचालन कराया जाए। ताकि काश्तकारों को हर समय मछली के लिए फीड मिल सके और एसएचजी को भी इससे फायदा मिले। मछली पालन के लिए नहर की मरम्मत और मछली तालाबों की सुरक्षा के लिए चैकडैम बनाने के लिए सिंचाई विभाग के माध्यम से प्रस्ताव तैयार कराने को कहा। साथ ही मनरेगा एवं अन्य मदों से मछली पालन के लिए अधिक से अधिक तालाब निर्माण कराने के निर्देश दिए। इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी वरूण चैधरी, सहायक निरीक्षक मत्स्य जगदंबा कुमार, खंड विकास अधिकारी राजेन्द्र सिंह वर्त्वाल, एपीडी तारा हायांकी, ग्राम प्रधान आशा देवी आदि मौजूद थे।

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