- जिला योजना के कार्यों में गुणवत्ता व समय का रखें पूरा ध्यानः डीएम
गोपेश्वर (चमोली)। जिला योजना के अन्तर्गत प्रस्तावित कार्यो को गुणवत्ता के साथ समय से पूरा करते हुए अवमुक्त धनराशि को शतप्रतिशत व्यय करना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने गुरूवार को क्लेक्ट्रेट सभागार में जिला योजना, राज्य सैक्टर, केन्द्र पोषित एवं बीससूत्री योजनाओं के अन्तर्गत विभिन्न विकास योजनाओं की वित्तीय एवं भौतिक प्रगति समीक्षा करते हुए विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए। इस दौरान सीएम हेल्पलाइन, जिला शिकायत प्रकोष्ठ एवं विभिन्न माध्यमों से प्राप्त शिकायतों का भी त्वरित निस्तारण के निर्देश दिए गए।
जिला योजना के अन्तर्गत लोनिवि को अवमुक्त 181.09 लाख धनराशि में से अभी तक कुछ भी धनराशि व्यय न किए जाने पर जिलाधिकारी ने नाराजगी जाहिर करते फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि कार्य पूर्ण होने के बावजूद भी भुगतान में अनावश्य देरी करना विभागीय लापरवाही है। पेयजल निगम, जल संस्थान, वैकल्पिक ऊर्जा, एलोपैथिक, कृषि, मत्स्य विभागों को अवमुक्त धनराशि के सापेक्ष 50 प्रतिशत से भी कम व्यय पाए जाने पर कार्यो में तेजी लाने के निर्देश दिए गए। जिलाधिकारी ने कहा कि वित्तीय वर्ष समाप्ति की ओर है और केवल 4 माह ही शेष रह गए है। इसलिए विभागों को जो भी वित्तीय एवं भौतिक लक्ष्य दिए गए है उनको गुणवत्ता के साथ शीघ्र पूरा करें। उन्होंने अधिकारियों को विभागीय स्तर पर योजनाओं की रेग्यूलर माॅनिटरिंग करने की बात भी कही। कृषि, उद्यान, उद्योग, पशुपालन, रेशम, मत्स्य आदि रेखीय विभागों को विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित किए गए लाभार्थियों की संख्या भी उपलब्ध कराने को कहा। जिलाधिकारी ने कहा किसी कारण से अगर कोई भी विभाग जिला योजना में अवमुक्त धनराशि खर्च नही कर पा रहे है तो वे धनराशि सरेण्डर करें। ताकि इस धनराशि को जरूरतमंद विभागों को आवंटित किया जा सके। इस दौरान सभी विभागों को 30 नवंबर तक जिला योजना के कार्यो की वित्तीय एवं भौतिक प्रगति की अद्यतन रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा गया।
जिलाधिकारी ने सभी निर्माणदायी विभागों को जिला योजना के अन्तर्गत संचालित विकास कार्यो में तेजी लाते हुए गुणवत्ता के साथ शीघ्र कार्य पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विकास कार्यो की गुणवत्ता के साथ किसी भी प्रकार से समझौता नही किया जाएगा। साथ ही सभी विभागों को सोमवार तक जिला योजना के अन्तर्गत किए जा रहे कार्यो की अद्यतन प्रगति रिपोर्ट निर्धारित प्रारूप में विधानसभावार उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए गए। जिलाधिकारी ने कहा कि जो योजनाए पूर्ण हो चुकी है उनकी यूसी, एमबी तथा फोटो सहित पूरी आख्या उपलब्ध करें। कहा कि विकास योजनाओं का धरातल पर भौतिक सत्यापन भी कराया जाएगा।
इस दौरान राज्य सैक्टर, केन्द्र पोषित एवं बाह्य सहायतित योजनाओं की भी विस्तार से समीक्षा करते हुए पिछले वर्ष के अवशेष कार्यो को प्राथमिकता पर पूर्ण कराते हुए शत प्रतिशत धनराशि व्यय करने के निर्देश दिए गए। बीससूत्री कार्यो की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने सभी विभागों को समय से निर्धारित लक्ष्य पूरा करते हुए जिले को हर हाल में ‘ए’ श्रेणी में रखने को कहा। साथ ही सभी अधिकारियों को बीस सूत्री कार्यो के भौतिक सत्यापन हेतु आवंटित लक्ष्य को पूरा करने के निर्देश दिए।
सीएम हेल्प लाईन, जिला शिकायत प्रकोष्ठ एवं अन्य माध्यमों से प्राप्त शिकायतों की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि सीएम हेल्पलाइन पर विभिन्न विभागों की 29 शिकायतो लंबित है। जिला शिकायत प्रकोष्ठ पर दर्ज 68 शिकायतों में से 56 निस्तारित है जबकि 12 लंबित है और विभिन्न माध्यमों से प्राप्त 600 शिकायतें विभागों को निस्तारण के लिए भेजी गई है जिसमें से कतिपय शिकायतों के निस्तारण की आख्या विभागों से उपलब्ध नही कराई गई है। जिलाधिकारी ने अगले तीन दिन के भीतर सीएम हेल्प लाईन पर दर्ज सभी शिकायतों तथा अगले 10 दिनों के भीतर जिला प्रकोष्ठ एवं अन्य माध्यमों से प्राप्त शिकायतों का निस्तारण करते हुए आख्या उपलब्ध कराने के कडे निर्देश भी अधिकारियों को दिए। कहा कि जनता की शिकायतों के निस्तारण में कोई लापरवाही बर्दाश्त नही की जाएगी।
बैठक में बताया गया कि जिला योजना के अन्तर्गत अनुमोदित परिव्यय 4943 लाख के सापेक्ष 2990.64 लाख धनराशि विभागों को अवमुक्त की गई है। जिसमें से विभागों ने अभी तक 45.89 प्रतिशत धनराशि विभागों ने व्यय कर ली है। राज्य सैक्टर में अवमुक्त धनराशि 9789.02 लाख के सापेक्ष 72.82 प्रतिशत, केन्द्र पोषित में अवमुक्त धनराशि 16812.99 लाख के सापेक्ष 85.36 प्रतिशत तथा बाह्य सहायतित योजना में अवमुक्त 343.62 लाख के सापेक्ष 70.64 प्रतिशत धनराशि विभागों द्वारा व्यय किया गया है। जिला योजना के अन्तर्गत लोनिवि ने अवमुक्त धनराशि 181.09 लाख के सापेक्ष शून्य प्रतिशत, जल निगम ने 311.15 लाख के सापेक्ष 175.44 लाख, जल संस्थान ने 305 लाख के सापेक्ष 135.46 लाख, वैकल्पिक ऊर्जा ने 98.72 लाख के सापेक्ष 30.25 लाख, एलोपैथिक ने 87.56 लाख के सापेक्ष 8.43 लाख, कृषि ने 250 लाख के सापेक्ष 167.07 लाख, उद्यान ने 237.62 लाख के सापेक्ष 97.01, पशुपालन ने 150.43 लाख के सापेक्ष 60.44 लाख, मत्स्य ने 50 लाख के सापेक्ष 18.59 लाख व्यय किया गया है। जबकि अन्य विभागों ने 70 प्रतिशत से अधिक धनराशि व्यय की जा चुकी है। इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी हंसादत्त पांडे, पीडी प्रकाश रावत, डीडीओ सुमन बिष्ट, सीएमओ डा. जीएस राणा, अर्थ एवं संख्याधिकारी आनंद सिंह जंगपांगी आदि मौजूद थे।