कर्णप्रयाग (चमोली)। चमोली जिले के कर्णप्रयाग महाविद्यालय के इतिहास विभाग के प्राध्यापक डा. वेणीराम अंन्थवाल की लिखित पुस्तक उत्तराखंड की समृद्ध परम्परा औखाण को एशिया बुक ऑफ रिकार्ड तथा इण्डिया बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज किया गया है।
डॉ अंन्थवाल टिहरी गढ़वाल के अंन्थवाल गांव के मूल निवासी है। इन्होंने सैकड़ो शोध पत्र पुस्तक का प्रकाशन किया है। महाविद्यालय की पत्रिका कर्णप्रिया के भी वे प्रधान सम्पादक है। इनकी पुस्तक को एशिया तथा इंडिया बुक आॅफ रिकार्ड में दर्ज होने पर महाविद्यालय के प्राचार्य डा. जगदीश प्रसाद ने कहा कि डॉ. अंन्थवाल की ओर से लिखित पुस्तक के एशिया बुक एंव इण्डिया बुक ऑफ रिकार्ड मे दर्ज होने पूरा महाविद्यालय परिवार गौरवान्वित हुआ है। उनकी लिखित पुस्तक से नयी पीढी को अपने समृद्ध शाली परम्पराओ की महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होगी। महाविद्यालय के प्राचार्य समेत महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. एमएस कण्डारी, डॉ. आरसी भट्ट, डॉ. इन्द्रेश पाण्डेय, डॉ. रूपेश कुमार श्रीवास्तव, डॉ. नेतराम, डॉ. हरीश चन्द्र रतूडी, डॉ. रविन्द्र कुमार, डॉ. कीर्तिराम डगवाल डॉ. राधा रावत, डॉ. कविता पाठक, डॉ. डीएस राणा, डॉ. एएस रावत, डॉ. चन्द्रावती टमटा, डॉ. स्वाति सुन्दरियाल, डॉ. पूनम, डॉ. चन्द्रमोहन जस्वाण, डॉ. रवीन्द्र नेगी, एसएल मुनियाल, जगदीश रावत आदि ने खुशी व्यक्त की है।