posted on : August 13, 2025 7:13 pm

गोपेश्वर (चमोली)। चमोली जिले के गौचर क्षेत्र में बीते कुछ दिनों से पेयजल संकट गहराता जा रहा है। क्षेत्र के लिए करोड़ों की पेयजल योजनाएं संचालित होने के बाद भी क्षेत्रवासी पिछले कई दिनों से गंभीर पेयजल संकट से गुजर रहे हैं।

गौचर की पेयजल आपूर्ति करने को प्राकृतिक जल स्रोतों के अलावा रीवर बैंक फिल्टरेशन योजना के तहत करोड़ों की लागत से पेयजल लिफ्ट पंप योजना का निर्माण भी किया गया है। इसके बाद भी क्षेत्रवासियों को पेयजल के लिए तरसना पड़ रहा है। विभाग की लापरवाही का आलम यह है कि गर्मियों में जल स्रोतों पर पानी की मात्रा कम तो बरसात में पाइप लाइनों के टूटने का बहाना बनाया जाता है। पेयजल लिफ्ट पंप का खराब होना आम बात हो गई है। जल संस्थान इसका ठीकरा विद्युत विभाग के सिर यह कहकर फोड़ देता है कि विद्युत आपूर्ति हर समय खराब होने से यह नौबत आ रही है। हकीकत तो यह है कि पंपों को चलाने के लिए जरनेटर भी लगाए गए हैं। अब तो नौबत ऐसी आ गई है कि बीते कुछ दिनों से क्षेत्रवासी बूंद बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। बरसात के दिनों में अगर नलों पर पानी आ भी रहा है तो वह  भी गन्दा पानी जो पीने लायक नहीं होता है। विभाग की लापरवाही का खामियाजा जनता को मीलों दूर प्राकृतिक जल स्रोतों से पानी ढोकर भुगतना पड़ रहा है। पेयजल लिफ्ट पंप योजना पिछले कई दिनों से खराब चल रही है लेकिन कारण जो भी हो आज तक जल संस्थान इन मोटरों को ठीक नहीं करा पाया है। यापार संघ अध्यक्ष राकेश लिंगवाल का कहना है कि क्षेत्र में पेयजल संकट गहराना आम बात हो गई है। इसलिए इस मसले पर जांच होनी चाहिए।

जल संस्थान की अवर अभियंता आइसा कनवासी का कहना है गधेरे की पाइप लाइन टूट गई थी। इसे ठीक कर लिया गया है। लिफ्ट पंप ठीक करने के लिए मैकेनिक बुला लिया गया है।

इधर, पंपों का जिम्मा संभाले अवर अभियंता का कहना कि मोटर पुरानी हो गई हैं नई मोटर मंगाई गई हैं। फिलहाल मेरठ से मैकेनिक बुला लिया गया है।

 

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