गोपेश्वर (चमोली)। चमोली जिले के मंडल घाटी में वन विभाग अनुसंधान शाखा नैनीताल की ओर से ऑर्किड वनस्पतियों के संरक्षण के लिये पार्क की स्थापना कर दी है। पार्क में ऑर्किड वनस्पतियों की 37 प्रजितियों का संरक्षण किया जा रहा है। चमोली की मंडल घाटी में स्थापित यह पार्क उत्तर भारत में स्थापित किया गया पहला पार्क है। वनस्पति विज्ञानियों के अनुसार ऑर्किड वनस्पतियों के लिये मंडल क्षेत्र की जलवायु बेहद मुफीद है।

प्रख्यात ऑर्किड विशेषज्ञ डॉ. एसके सिंह ने बताया कि मंडल क्षेत्र में प्राकृतिक रुप से उगने वाली 48 ऑर्किड वनस्पतियों की पहचान की गई है। जो क्षेत्र के स्वस्थ पारिस्थितिकीय तंत्र का द्योतक है। उन्होंने कहा कि ऑर्किड वनस्पति जगत का सुंदर पुष्प है। जो विशिष्ट औषधीय गुणों के साथ अपने रंग-रूप, आकार एवं आकृति तथा लंबे समय तक ताजा बने रहने की गुण के चलते अंतर्राष्ट्रीय पुष्प बाजार में विशेष स्थान रखता है। मुख्य वन संरक्षक वन अनुसंधान संजीव चतुर्वेदी ने राज्य में आर्किड़ वनस्पतियों के संरक्षण के साथ ही इनके कृषिकरण से काश्तकारों की आजीविका संवर्द्धन करना है। उन्होंने कहा कि संस्थान ऑर्किड सोसाइटी बनाने की योजना पर भी कार्य कर रहा है। सोसाइटी के माध्यम से प्रथम चरण में ऑर्किड संरक्षण  को स्वारोजगार के रूप में अपनाने के इच्छुक युवाओं को एक्सपोजर विजिट कराने, तकनीकी प्रशिक्षण दिलाने के साथ ही संसाधन भी उपलब्ध कराये जायेंगे।

 

मंडल घाटी में ऑर्किड वनस्पति की 48 प्रजातियां हैं मौजूद

देश में ऑर्किड की कुल 1,256 प्रजातियां हैं। इनमें 388 प्रजातियां विलुप्ति की कगार पर हैं। उत्तराखंड में ऑर्किड की 238 प्रजातियां है। जिनमें से अभी तक मंडल घाटी में ऑर्किड वनस्पतियों की 48 प्रजातियां पाई गई हैं। वन विभाग अनुसंधान शाखा के रेंजर हरीश नेगी ने बताया कि वन पंचायत एवं महिला मंगल दल के सहयोग से संस्थान ने खल्ला गांव के 1 हेक्टयर क्षेत्र में 37 प्रजातियों का संरक्षण किया जा रहा है।

 

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