गोपेश्वर (चमोली)। एक मार्च को दिवालिखाल में पुलिसिया लाठीचार्ज का शिकार बने लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने की भाकपा माले के गढ़वाल सचिव इंद्रेश मैखुरी ने तीव्र भत्र्सना करते हुए कहा कि अपने हक की मांग करना इस सरकार में गुनाह हो गया है।
रविवार को एक बयान जारी करते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की नंदप्रयाग-घाट मोटर मार्ग को डेढ़ लेन किये जाने की घोषणा को पूरा किये जाने की मांग को लेकर बीते तीन माह से घाट में शांतिपूर्ण आंदोलन चल रहा था। एक मार्च को विधानसभा पर प्रदर्शन के लिए यही लोग जा रहे थे। पुलिस ने पहले जंगलचट्टी में इन पर पानी की बौछारें चलाई, फिर दिवालिखाल में पानी की बौछारें चलाई गई और उसके बाद महिला-पुरुषों को दौड़ा-दौड़ा कर उत्तराखंड पुलिस ने त्रिवेंद्र रावत की सरकार के इशारे पर पीटा। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में सत्तासीन त्रिवेंद्र रावत के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार का मन इतने से नही भरा तो अब पुलिस उत्पीड़न का शिकार हुए एक महिला सहित 38 नामजद तथा सैकड़ों लोगों पर फर्जी मुकदमा दर्ज कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की ओर से मजिस्ट्रेटी जांच की घोषणा के बावजूद मुकदमा किया जाना दर्शाता है कि उत्तराखंड सरकार और उसकी पुलिस लोकतांत्रिक आंदोलनों का दमन करने में उत्पीड़न की हर सीमा को लांघ जाना चाहती है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी मांग करती हैं कि लाठीचार्ज का शिकार बने लोगों पर दर्ज फर्जी मुकदमा तत्काल रद्द किया जाए और लाठीचार्ज के लिए उत्तरदायी अफसरों समेत सभी पुलिसकर्मियों को निलंबित किया जाए। साथ ही यह भी मांग करते हैं कि इस घटना की मजिस्ट्रेटी जांच के बजाय न्यायिक जांच करवाई जाए।
