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जोशीमठ (चमोली)। जिले के जोशीमठ विकास खंड के उर्गम घाटी में टीएचडीसी की ओर से वन पंचायत की भूमि अधिग्रहण करने के बाद ग्रामीणों को चारापत्ति और ईंधन हानि के मुआवजे के रूप में मनरेगा के माध्यम से धनराशि उपलब्ध करवाती थी लेकिन एक वर्ष से पूरे गांव  तथा तीन साल से तीन विधवा महिलाओं को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। जिस संबंध में बुधवार को पूर्व ग्राम प्रधान लक्ष्मण सिंह नेगी ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंप कर इसके जांच की मांग करते हुए महिलाओं को धनराशि उपलब्ध कराने की बात कही है।

पूर्व प्रधान लक्ष्मण सिंह नेगी का कहना है कि टीएचडीसी की ओर विष्णगाड़ जल विद्युत परियोजना के निर्माण के लिए भूमि का अधिग्रहण किया गया था, जिसमें वन पंचायत, राजस्व एवं निजी भूमि अधिग्रहित की गई है। इस भूमि के बदले टीएचडीसी कंपनी की ओर से चारापति ईधनहानि पर ग्राम पंचायत के प्रति परिवारों को मनरेगा के मजदूरी के आधार पर कंपन भुगतान करती है। इसी तरह उर्गम घाटी के ग्राम पंचायत भेंटा में 99 परिवारों को इस की श्रेणी में रखा गया था विगत 1 वर्ष से चारापति, ईंधन  हानी की धनराशि का भुगतान कंपनी की ओर से नहीं किया जा रहा है। भेंटा पंचायत के तीन ऐसे परिवार हैं जिनके घर के मुखिया की मृत्यु हो गई है। कंपनी को उनके मृतक आश्रितों ने सभी दस्तावेजों को पंजीकृत डाक के टीएचडीसी के पीपलकोटी कार्यालय में जमा करवा दिया था किंतु तीन साल बीत जाने के बाद भी अभी तक उन्हें चारापत्ति और ईंधन हानि का भुगतान नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि टीएचडीसी से जब इस संबंध में जानकारी मांगी गयी तो उनका कहना है कि संबंधितों के कागजात सत्यापन के लिए उपजिलाधिकारी जोशीमठ को भेजे गये है, लेकिन तहसील कार्यालय में भी पत्रावली उपलब्ध नहीं है। जिससे नाराज होकर ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से गुहार लगायी है कि इस मामले की छानबीन की जाए तथा उन्हें उनका हक दिलाया जाए।

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