कर्णप्रयाग (चमोली)। बदरीनाथ वन प्रभाग की ओर से हिमाद संस्था के सहयोग से वन पंचायतों के साथ शनिववार को पहली आम बैठक की गई जिसमें बताया गया कि वन पंचायतों के माध्यम से ग्रामीणों को पर्यावरण संरक्षण और स्थानीय संसाधनों पर आधारित स्वरोजगार उपलब्ध करवाने के गांव स्तर सहभागिता से पंच वर्षीय माइक्रोप्लान तैयार किया जा रहा है।
बदरीनाथ वन प्रभाग के सहयोग से चमोली एवं पिंडर रेंज के पगना, लवली, खुनाणा एवं रंडोली वन पंचायतों के माइक्रोप्लान निर्माण के लिए प्रथम आम सभा बैठक की गई। बैठक में हिमाद के सचिव उमाशंकर बिष्ट ने कहा कि बदरीनाथ वन प्रभाग के सहयोग से वन पंचायत की आम सभा बैठक में माइक्रोप्लान निर्माण की सहमति प्राप्त की जा रही है। उन्होंने कहा कि माइक्रो प्लान में गांव की आधारभूत संरचनाओं का संकलन कर वन पंचायत का सीमांकन, पंचायती वनों का सर्वेक्षण, वनों का विकास, जल एवं भूमि संरक्षण के कार्य, पंचायती वनों की सुरक्षा, वन पंचायत सदस्यों, ग्रामीणों को स्थानीय संसाधनों पर आधारित कार्य, पंचायती वनों के साथ प्रबंधन को बढ़ावा देने के कार्य पीआरए पद्धति से आवश्यकताओं का आंकलन कर पांच वर्ष के लिए योजना का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वन पंचायतों की तीन आमसभा बैठकों के माध्यम से योजनाओं का निर्माण होगा। हिमाद के समन्वयक बहादुर सिंह रावत ने जैव विविधता अधिनियम 2003 के तहत ग्राम स्तर पर गठित जैव विविधता समितियों के कार्यों एवम भूमिका के साथ ही वन पंचायत नियमावली के संबंध में अवगत कराया। बैठक में वन दरोगा देवेंद्र सजवाण ने कहा की माइक्रो प्लान के तहत पंचायती वनों के विकास के साथ ही जल एवम भूमि संरक्षण और वन पंचायतों के प्रबंधन एवं कौशल निर्माण के कार्ययोजना का निरूपण आम सभा बैठक में किया जाएगा। आम सभा बैठक में सभी गांवों के महिला मंगलदल सदस्य वन पंचायत प्रबंधन समिति के सदस्य, स्वयं सहायता समूह के सदस्य, उत्पादक समूह के सदस्य, ग्राम पंचायत प्रतिनिधि के की ओर से प्रतिभाग किया गया।
बैठक में वन पंचायत पागना के सरपंच कुंवर सिंह नेगी, ल्वाणी के सरपंच गोविंद सिंह बिष्ट, खुनाडा गांव के सरपंच देवी प्रसाद पुरोहित, रांडोली के सरपंच कुंवर सिंह नेगी, वन दरोगा बलवंत सिंह खत्री, वन आरक्षक दिनेश चंद्र सती, हिमाद के विषय विशेषज्ञ अनिता, काजल,,पंकज पुरोहित आदि मौजूद थे।