गोपेश्वर (चमोली)। सीपी भट्ट पर्यावरण एवं विकास केंद्र गोपेश्वर के तत्वाधान में आयोजित चार दिवसीय बुग्याल बचाओ अभियान का मंगलवार को समापन हो गया है। नंदा देवी बायोस्फीयर के उच्च हिमालयी इलाकों में शनिवार से शुरू हुए इस बुग्याल बचाओं अभियान का समापन जोशीमठ के समीप रेगड़ी गांव में हुआ। भारी बारिश के बीच भी अभियान दल ने उच्च हिमालय में कई किलोमीटर का सफर पैदल ही पूरा किया।
अभियान के समापन के मौके पर प्रख्यात पर्यावरणविद चंडी प्रसाद भट्ट ने दल की ओर से विपरीत परिस्थितियों में भी अभियान में डटे रहने के लिए धन्यवाद दिया और चिपको आंदोलन के दौर की याद ताजा करते हुए कहा कि जिस रेगड़ी गांव में यह अभियान संपन्न हो रहा है वहां 1973 के आखिरी महीनों में चिपको को लेकर बैठक की शुरुआत हुई थी। यही से रैणी के जंगल बचाने के लिए अलग अलग गांवों में वाच-डाग कमेटी बनाने का सिलसिला शुरू हुआ था। उन्होंने भारत तिब्बत सीमा पुलिस, वन विभाग और दल में शामिल सदस्यों को इस महत्वपूर्ण जनजागरुकता अभियान के संचालन के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
अभियान के दौरान औली से लेकर कुंवारी पास के बीच के एक दर्जन से अधिक बुग्यालों का अध्ययन तथा प्रतीकात्मक रूप से बुग्याली और उससे सटे वन इलाके में अजैविक कचरे की सफाई भी की गई। इस अभियान में भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल के स्थानीय अधिकारियों, पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, अधिवक्ताओं महाविद्यालय के प्रोफेसर, छात्र-छात्राएं और नन्दादेवी नेशनल पार्क फारेस्ट डिविजन के अधिकारियों ने भाग लिया। अभियान के दौरान दल के सदस्यों बुग्यालों की यात्रा पर देश के अलग-अलग भागों से आए पर्यटकों के अनुभवों और सुझावों का भी संकलन किया। बुग्यालों के जानकार जाने वाले लगभग आधा दर्जन भेड़पालकों से भी बातचीत। जिनके चार से पांच दशक के बुग्यालों के अनुभवों का संकलन किया। इस अभियान का आयोजन सीपी भट्ट पर्यावरण एवं विकास केन्द्र ने नन्दादेवी नेशनल पार्क फारेस्ट डिविजन और भारत तिब्बत सीमा पुलिस के सहयोग से आयोजित किया था। सीपी भट्ट पर्यावरण एवं विकास केन्द्र की ओर से दस साल पहले 2014 में नन्दादेवी राजजात यात्रा के बाद बैदनी बुग्याल की बदहाल हालत को सुधारने के लिए लोकजागरण के लिए बैदनी बुग्याल से अभियान की शुरूआत की गई। जिसके बाद हर साल इस तरह से अभियान चलते रहे है।
राजकीय महाविद्यालय गोपेश्वर के इतिहास विभाग के विभागध्यक्ष डा. एचसीएस रावत के नेतृत्व में चले इस अभियान में दिल्ली से पत्रकार राकेश परमार, दिल्ली से इंजिनियर गौरव बशिष्ठ, चमोली जिला न्यायालय में विशेष लोक अभियोजक राकेश मोहन पंत, विनय सेमवाल, गंगा सिंह, सौम्या भट्ट, नन्दादेवी फोरेस्ट डिविजन के एसडीओ शिशुपाल सिंह रावत, रेज अधिकारी गौरव नेगी, ममता कनवासी, दीपक सिंह, केएस रावत, गौरव नेगी, विनय सेमवाल, ओमप्रकाश भट्ट, अमन सिंह, खीम सिंह भंडारी तथा भारत तिब्बत सीमा पुलिस के इंस्पेक्टर नरेन्द्र सिंह नेगी के नेतृत्व में ग्यारह सदस्यीय दल में महेश सिंह, प्यारे लाल, सतेंद्र कुमार, रवि प्रकाश नेगी, प्रतीक चतुर्वेदी, वान साई, सतेंद्र कुमार, अंकित कुमार शर्मा, अशोक कुमार आदि शामिल थे।
