देहरादून। पुलिस ने 4 फर्जी बीएएमएस डिग्रीधारी डॉक्टरों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के कब्जे से फर्जी डिग्रियां भी बरामद कर ली गई हैं। आरोपियों ने अपनी शैक्षिक योग्यता बढ़ाने और भविष्य में राजकीय सेवा में अवसर प्राप्त करने के उद्धेश्य से फर्जी डिग्रियां हासिल की। इसके लिए उन्होंने इमलाख खान नाम के शख्स को साढऋे छह लाख रुपए प्रति डिग्री के हिसाब से पैसे दिये थे। चारों गिरफ्तार बीएएमएस फर्जी डिग्री धारक देहरादून के रायपुर क्षेत्र में अलग-अलग जगहों पर क्लीनिक खोलकर लोगों का इलाज कर रहे थे।
10 जनवरी 2023 को थाना नेहरू कॉलोनी पर मुकदमा पंजीकृत होने के बाद शहर के दो फर्जी बीएमएस डॉक्टरों को गिरफ्तार किया था। डिग्री मुहैया कराने वाला मुजफ्फरनगर का एक हिस्ट्रीशीटर भी तब हत्थे चढ़ा था। इसी क्रम में 27 जनवरी को एसआईटी टीम के सामने मामले की विवेचना के दौरान 4 अन्य फर्जी बीएएमएस डिग्री धारी डॉक्टरों रोशन कुमार काला, अजय कुमार काला, मनोज सिंह नेगी और अनुराग नौटियाल का नाम सामने आया। जिसके बाद चारों को थाना नेहरू कॉलोनी पर पूछताछ के लिए बुलाया गया।
पूछताछ के दौरान आरोपियों ने अपनी डिग्रियां एसआईटी टीम को दिखाई। जिनकी चेकिंग की गई। बाद में डॉक्टरों की डिग्रियां फर्जी पाई गई। जिसके बाद चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस अधीक्षक अपराध सर्वेश पंवार ने बताया चारों आरोपियों से पूछताछ करने पर पता चला कि बीएएमएस की डिग्रियां इमलाख खान निवासी मुजफ्फरनगर के द्वारा दिलवाई गई हैं।
इमलाख खान ने बताया था की उसका बाबा कालेज ऑफ स्टडीज नाम का मुजफ्फरनगर में कॉलेज है, जो कि राजीव गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइन्स कर्नाटक बैंगलोर से संबद्ध है। वह पत्राचार के माध्यम से बीएएमएस की डिग्री उपलब्ध करा देगा। जिस पर चारों लोगों ने साढ़े छह लाख रुपए प्रति डिग्री के हिसाब से उसे पैसे दिये। जिसके बाद उनका रजिस्ट्रेशन भी भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखण्ड देहरादून में करा दिया गया। तब चारों लोग वर्ष 2021 तक अपने अपने क्लिनिकों में चिकित्सक के रूप मंे कार्य कर रहे थे। साल 2021 मे जब किसी ने आरोपियों की शिकायत कर दी। तब भारतीय चिकित्सा परिषद ने चारों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया। उसके बाद चारों को पता चला कि सार्टिफिकेट नकली है। तब चारों ने इमलाख खान से सम्पर्क किया। तब इमलाख ने कहा तुम्हारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। सारा काम सही तरीके से हुआ है। उसके बाद उसने चारों का फोन उठाना बंद कर दिया।