गोपेश्वर (चमोली)। उत्तराखंड में केदारनाथ त्रास्दी के बाद अब चमोली जिले के रैणी क्षेत्र में हुई दैवीय आपदा दूसरी बड़ी घटना है। लेकिन सरकारों ने केदारनाथ आपदा से कोई सबक नहीं लिया और जिसके कारण ऐसी घटनाऐं घटित हो रही है। वामपंथियों ने इसके लिए सरकारों को गैर जिम्मदार बताते हुए इन घटनाओं से सबक लेते हुए आगे ऐसी बड़ी त्रास्दी न हो इस पर ध्यान देने की मांग की है। गुरूवार को जिलाधिकारी चमोली के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेज गये ज्ञापन में उन्होंने आपदा में मृतकों के परिजनों को 50 लाख की मुआवजा राशि दिए जाने की मांग की है।

सीटू के जिलाध्यक्ष मदन मिश्रा, जनवादी महिला समिति की सचिव गीता बिष्ट, किसान सभा के उपाध्यक्ष भूपाल सिंह रावत, सचिव ज्ञानेंद्र खंतवाल व डीवाईएफआई के गजे सिंह बिष्ट का कहना है कि लगातार बढ़ रही मानवीय भूल की घटनाओं से सबक लिये जाने की आवश्यकता है। ताकि जानमाल की रक्षा की जा सके। उन्होंने कहा कि सरकार की और से तपोवन क्षेत्र में घटित घटना में मृतक परिवारों को जो सहायता राशि दिये जाने की बात की जा रही है वह कम है सरकार को प्रत्येक मृतक परिवार को 50 लाख की सहायता के साथ एनटीपीसी में रोजगार दिया जाना चाहिए तथा सामान्य घायलों को दो लाख तथा गंभीर घायल को पांच लाख की सहायता राशि दी जानी चाहिए। प्रभावितों का स्थायी पुर्नवास किया जाए, आधुनिक तकनीकी का उपयोग करते हुए प्राकृतिक आपदाओं से पूर्व अलर्ट होने की व्यवस्था की जाए। ग्रामीणों की आपदा में क्षतिग्रस्त भूमि का आंकलन करते हुए मुआवजा दिये जाने के साथ ही भूमि के बदले भूमि दी जाए। उन्होंने कहा कि इस संबंध में मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया है। सरकार से मांग की गई है कि अविलंब इन मांगों पर सकारात्मक विचार किया जाए।

 

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