गोपेश्वर (चमोली)। चमोली जिला मुख्यालय के नगर पालिका क्षेत्र के हल्दापानी मोहल्ले में हो रहे भूस्खलन का सुधारीकरण कार्य शुरु न होने से भवन स्वामी अब आवासीय भवनों को छोड़ने लगे हैं। भूस्खनल से मकानों में बढ रही दरारों को देख लोग सुरक्षित स्थानों पर ठौर ढूंढ रहे हैं। जबकि जन प्रतिनिधियों और प्रशासन की सुधारीकरण की कवायद शासन को प्रस्ताव भेजने से आगे बढती नजर नहीं आ रही है।

बता दें कि हल्दापानी मोहल्ले में वर्ष 2014 के बाद भूस्खलन सक्रीय हो गया था। लेकिन यहां वर्षों तक जल निकासी की व्यवस्था न होने से वर्ष 2020 में मोहल्ले के निचले हिस्से में निर्माणाधीन भवन ध्वस्त हो गया था। बावजूद इसके एक वर्ष तक कोई कार्रवाई न होने से बीते जून माह में यहां भूस्खलन तेज हो गया। जिससे यहां आसपास मौजूद 15 से अधिक भवनों पर दरारें आ गई। जिस पर स्थानीय लोगों की मांग पर प्रशासन ने 20 लाख की धनराशि से सुरक्षा कार्य शुरु करवाया। लेकिन सुरक्षा कार्य भी भूस्खलन की चपेट में आ गये हैं। स्थानीय लोगों के विरोध के बाद प्रशासन ने एक माह पूर्व सिंचाई विभाग के माध्यम से 2 करोड़ 85 लाख 65 हजार की धनराशि का भूस्खलन ट्रीटमेंट का प्रस्ताव शासन को भेजा। लेकिन वर्तमान तक स्वीकृति न मिलने से सुधारीकरण कार्य शुरु नहीं हो सका है। ऐेसे में जहां गिरीश नौटियाल अपने भवन को छोड़कर अन्यत्र शिफ्ट हो गये हैं। वहीं अनिल रतूड़ी, सुरेंद्र भंडारी, विमला बजवाल, हीरा लाल आर्य और उमा थपलियाल भी अपने परिवार को अन्यत्र शिफ्ट करने की तैयारी कर रहे हैं। जबकि आवासीय भवनों पर निवास कर रहे किरायेदार पूर्व में ही अन्यत्र शिफ्ट हो गये हैं।

 

 

गोपेश्वर के हल्दापानी भूस्खलन जोन के सुधारीकरण के लिये एक माह पूर्व दो करोड़ 85 लाख 65 हजार का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। शासन से स्वीकृति मिलने के बाद यहां क्रेट वायर के माध्यम से सुधारीकरण कार्य किया जाएगा वहीं मौके पर मौजूद 15 नाली भूमि के मुआवजे का भुगतान भी किया जाएगा।

बीएस यादव, अधिशासी अभियंता, सिंचाई विभाग, चमोली।

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