देहरादून। बीते विधानसभा चुनावों के बाद से प्रदेश की राजनीति से दूर हो चले पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत एक बार फिर चर्चा में आए। मंगलवार को मसूरी में एक निजी कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे हरक सिंह रावत ने कांग्रेस के टिकट पर आगामी लोकसभा चुनाव लडने की मंशा जाहिर की। साथ ही प्रदेश सरकार की नीतियों पर निशाना साधा।
पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि भाजपा सरकार कोई भी परीक्षा निष्पक्ष ढंग से नहीं करा पायी है। पटवारी भर्ती घोटाले में तो सरकार की भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की पोल खुल चुकी है। उन्होंने कहा कि पूर्व में जब भी कोई बड़ा हादसा या घोटाला होता था तो उसे संबंधित मंत्री तत्काल इस्तीफा सौम देते थे, मगर इन भर्ती घोटालों पर न तो संबधित मंत्री ने इस्तीफा दिया और न ही किसी अधिकारी को दंडित किया गया।
उन्होंने जोशीमठ आपदा प्रभावितों के विस्थापन व मुआवजे को लेकर कहा कि जब वे तिवारी सरकार में आपदा प्रबंधन मंत्री थे तब उत्तराखंड में मात्र एक आपदा प्रबर्धन का कार्यालय था जिसके बाद उन्होने जिला स्तर पर आपदा प्रबंधन केंद्र बनाए थे। उन्होंने अफसोस जताया कि आपदा प्रबंधन की नीतियों को लेकर वे बहुत कुछ करना चाहते थे लेकिन ब्यूरोक्रेसी और वित्त विभाग ने साथ नहीं दिया। जोशीमठ आपदा पर उन्होंने कहा कि प्रभावित लोगो को अभी भी उचित मुआवजा नहीं मिल पा रहा है और न ही उनका सही ढंग से विस्थापन किया गया है।
इस दौरान हरक सिंह ने भविष्यवाणी करते हुए कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को सौ से अधिक सीटों पर नुकसान उठाना पड़ेगा। जिसका फायदा निसन्देह काग्रेस को होगा। उन्होंने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि 2019 के मैं चुनाव भाजपा ने पुलवामा जैसी घटना को अपनी ‘चुनावी रणनीति का हिस्सा बनाते हुए उसका फायदा उठाया। पुलवामा हमला न होता तो भाजपा को कम से कम सौ सीटों का नुकसान उठाना पड़ता। उन्होंने कहा कि हर बार ऐसे टोटके काम नहीं आते, जनता यह बात अब अच्छे से समझ चुकी है। इसके बाद उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यदि कांग्रेस पार्टी उन्हें लोकसभा का टिकट देगी तो निसन्देह वह चुनाव लड़ने को तैयार है लेकिन विस चुनाव कतई नहीं लड़ेंगे।