हेम चन्द्र मिश्रा
देवाल (चमोली)। देवाल विकास खंड के प्राथमिक से लेकर कक्षा 12 तक के स्कूल, कालेजों में वर्षों से अध्यापक, प्रवक्ताओं के पद रिक्त होने के साथ ही कई अव्यवस्थाओं के चलते शिक्षा व्यवस्था रामभरोसे चल रही है, वहीं सत्र समाप्ति की ओर है अभी तक छात्रों को कई विषयों की किताबें विभाग मुहैया नहीं हो पायी है। ऐसे में कैसे छात्र परीक्षा देंगे यह एक यज्ञ प्रश्न बना हुआ है।
भारत सरकार एक ओर कक्षा एक से बाहर तक सभी को निशुल्क शिक्षा देने का दंभ भरा जाता है। सबको शिक्षा की गारंटी देता है, वहीं अभी तक हाईस्कूल कक्षा नौ और 10 में गृह विज्ञान, हिन्दी में विनोदिनी और इंटरमीडिएट में प्रबोधिनी की किताब साल बीतने के बाद भी अभी तक छात्रों को मुहैया नहीं करा पाया है। इस का सीधा प्रभाव छात्रों पर पड़ रहा है। ऐसे में लग रहा है कि विभाग ने अभी तक इन किताबों की छपाई करना भूल गया है या पहुंचाने में लापरवाही बरती गई है।
उत्तराखंड परिषदीय बोर्ड परीक्षा और गृह परीक्षा का कार्यक्रम फरवरी और मार्च में घोषित हो गया है। छात्रों को किताब नहीं मिलने से परीक्षा की तैयारी करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
अध्यापको ने बताया है कि गृह विज्ञान, विनोदिनी और इंटर में प्रबोधिनी की किताब इस वर्ष छात्रों को नहीं मिली है। पूरानी किताब से छात्रों को पढ़ा रहे हैं। देवाल के राइका बोरागाड स्कूल के प्रभारी प्रधानाचार्य आलोक कुमार ने कहा हाईस्कूल में दो और इंटरमीडिएट की एक किताब विद्यालय में नहीं पहुंची है। फिलहाल पूरानी किताब से कोर्स पूरा किया जा रहा है।
देवाल के बीआरसी एलपी जोशी ने बताया है कि इस वर्ष तीन किताब हमें नहीं मिली है। जिसका सूचना उच्च अधिकारियों को दी गई है।
क्या है पुस्तक
दरसल इंटर की कक्षाओं के हिन्दी विषय में प्रबोधिनी पढ़ाई जाती है, वहीं हाईस्कूल हिन्दी विषय में कृतिका, क्षितिज और विनोदिनी किताबें लगती है विनोदिनी किताब से 24 नम्बर के प्रश्न आता है। और किताब स्कूल में नहीं आई है।
क्या कहते है जनप्रतिनिधि
शैक्षिक शिक्षा सत्र 2023 समाप्त हो गया है, अभी तक किताबें नहीं पहुंचना छात्रों का दुर्भाग्य बना है। शिक्षा विभाग की घोर लापरवाही का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है। इस प्रकरण जांच की जाय।
पुष्कर फरस्वाण पूर्व प्रधान संघ अध्यक्ष देवाल।
क्या कहते है अधिकारी
यह मामला मेरे संज्ञान में आया है। 2022-23 में हाईस्कूल में गृह विज्ञान, विनोधिनी और इंटर में प्रबोधिनी की किताब क्यों नहीं छपी या क्यों नहीं पहुंचाई गई। जानकारी जुटाई जा रही तभी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। किताबें एससीईआरटी को प्रकाशित करनी होती है।
महावीर सिंह बिष्ट, निर्देशक माध्यमिक शिक्षा विभाग पौड़ी।