गोपेश्वर (चमोली)। जिलाधिकारी चमोली हिमांशु खुराना ने मंगलवार को क्लेक्ट्रेट सभागार में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की बैठक लेते हुए जिले में मातृ-शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए सक्रियता से कार्य करने के निर्देश दिए।

डीएम ने कहा कि सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं तक स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ पहुंचाने के लिए विशेष फोकस किया जाए। खून की कमी या वजन कम होने से हाई रिस्क कटैगरी वाली गर्भवती महिलाओं को उचित मेडिसिन उपलब्ध कराते हुए नियमित देखभाल सुनिश्चित की जाए। आशा एवं एएनएम के माध्यम से अधिक से अधिक गर्भवती महिलाओं का स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाए। ताकि शारीरिक कमजोरी के कारण डिलीवरी के समय किसी गर्भवती महिला की मृत्यु न हो।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. उमा रावतन ने बताया कि जिले में अभी 992 गर्भवती महिलाएं है, जिनमें से 45 गर्भवती महिलाओं को हाई रिस्क कटैगरी में चिन्हित किया गया है। स्वास्थ्य टीमों के माध्यम से इन महिलाओं को दवा उपलब्ध कराई जा रही है। जिलाधिकारी ने अन्य गर्भवती महिलाओं का  भी स्वास्थ्य परीक्षण कराने के निर्देश दिए। इस दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एसपी कुडियाल, एसीएमओ डा.उमा रावत, डीडीओ सुमन राणा, डीपीआरओ राजेन्द्र सिंह गुंजियाल आदि उपस्थित थे।

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