गोपेश्वर (चमोली)। उद्यान विभाग चमोली की ओर से संरक्षित एवं बैमौसमी खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नाबार्ड की आरआईडीएफ योजना अंतर्गत जनपद में कलस्टर अवधारणा आधारित 970 पॉलीहाउस इस वित्तीय वर्ष में लगाये जाने का लक्ष्य रखा है।जानकारी देते हुए मुख्य उद्यान अधिकारी तेजपाल सिंह ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत क्लस्टर एवं बाजार आधारित सब्जी एवं फूलों की खेती को प्रोत्साहित किया जाना है। जिससे एक ही स्थान पर विपणन के लिए एक ही फसल का पर्याप्त उत्पादन प्राप्त हो जिससे बड़े व्यापारियों को क्लस्टर स्तर पर मोलभाव के लिए आमंत्रित किया जा सके। और बिचौलियों से बचा जा सके तथा किसान फसलों का उचित मूल्य प्राप्त कर सके। उन्होंने बताया कि पॉलीहाउस लगाने के लिए एक समूह में पांच कृषकों का होना अनिवार्य है। जिन्हें 10 पॉलीहाऊसों से लाभान्वित किया जाएगा। योजनांतर्गत प्रति क्लस्टर 25 पॉलीहाउस एवं उससे अधिक पॉलीहाउसओं का स्थापना की जा सकती है। किसान योजना अंतर्गत 10 साल की लीज पर भूमि लेकर भी पॉलीहाउस की स्थापना कर सकते हैं साथ ही अपने संबंधियों के साथ समूह बनाकर पोलिहाऊसों की स्थापना के लिए भी पात्र होंगे। उन्होंने कहा कि योजनांतर्गत मैदानी क्षेत्रों में पांच सौ वर्ग मीटर एवं पर्वतीय क्षेत्रों में 50 वर्ग मीटर के पॉलीहाउस अनुमन्य होंगे, पॉलीहाउस निर्माण एवं रोपण सामग्री पहले वर्ष के लिए 80 फीसदी राज सहायता दी जायेगी। पॉलीहाउस निर्माण के लिए संबंधित कृषक विभाग में पंजीकृत पॉलीहाउस निर्माता कंपनी से निर्माण कार्य करवाने के लिए स्वतंत्र होंगे। योजना का लाभ लेने के लिए समस्त किसान भाई निकटतम उद्यान सचल दल केंद्रों एवं जनपद मुख्यालय में संपर्क कर क्लस्टर आधारित आवेदन उद्यान विभाग की वेबसाइड पर जमा कर सकते है। 13जीओपी1 इस तरह से लगेंगे पॉलीहाउस।
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