श्रीनगर। शुक्रवार इंटरनेशनल गुडविल सोसायटी ऑफ इंडिया के गढ़वाल चैप्टर की महत्वपूर्ण बैठक श्रीनगर में आयोजित की गई जिसकी अध्यक्षता हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ योगेंद्र नारायण ने की।
कार्यक्रम के प्रारंभ में सोसायटी के गढ़वाल चैप्टर के अध्यक्ष प्रो एम एम सेमवाल ने पुष्पगुच्छ देकर उनका स्वागत किया बैठक में सोसाइटी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद के माननीय सदस्य प्रो के.सी.शर्मा भी मौजूद थे जिनका स्वागत सोसायटी के महासचिव डॉ सतीश चंद्र सती ने किया।
कार्यक्रम के बारे में तथा गुडविल सोसाइटी के 1 वर्ष में किए गए कार्य को गढ़वाल चैप्टर के अध्यक्ष प्रो सेमवाल द्वारा प्रस्तुत किया गया जिसमें उन्होंने वर्षभर आयोजित किए गए शिविरों , कैरियर काउंसलिंग कार्यक्रमों, गरीबी उन्मूलन, महिला उत्थान एवं मेडिकल कैंपों के माध्यम से जागरूकता कार्यक्रम की जानकारी दी।
सोसाइटी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रोफेसर के सी शर्मा ने कहा कि पूरे राष्ट्र के अंतर्गत 42 सोसाइटी में से एक गढ़वाल चैप्टर श्रीनगर गढ़वाल के सभी कार्यक्रम बहुत ही प्रशंसनीय एवं महत्वपूर्ण है।
गुडविल सोसायटी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं कुलाधिपति डॉक्टर योगेंद्र नारायण ने समय-समय पर सोसाइटी द्वारा आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि गतिमान रहना ही जीवन की सबसे बड़ी सर्थकता है और गतिमान व्यक्तित्व समाज के दर्पण की तरह हर समाज को नए आयाम एवं दिशा देता है। उन्होंने कहा कि हमें आगामी भविष्य में उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश के अलावा देश के अन्य राज्यों एवं अंतरराष्ट्रीय जगत में भी सोसाइटी के प्रचार प्रसार पर ध्यान देना चाहिए। जिस कार्य से किसी समाज या व्यक्ति का लाभ हो वे कार्यक्रम सदैव होते रहने चाहिए।
डा पूजा सकलानी ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि भविष्य में सोसाइटी के द्वारा गढ़वाल के छात्रों के बीच में कैरियर काउंसलिंग से संबंधित कार्यक्रम, गरीबी उन्मूलन, महिला उत्थान और पहाड़ों में स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्यक्रम करने के प्रयास किए जाएंगे। कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर सीमा धवन ने कार्यक्रम का संचालन किया। इस अवसर पर डॉ. सोमेश थपलियाल, डॉ. गंभीर सिंह, कठैत ,डॉ. अरुण शेखर बहुगुणा, डा वी एस बिष्ट , डॉ प्रीतम सिंह नेगी , डा वरुण बर्थवाल, सुशील कुमार , डॉ. आर के ड्यूंडी आदि उपस्थित थे।