गोपेश्वर/रूद्रप्रयाग/उत्तरकाशी। देवभूमि तीर्थ पुरोहित हक-हकूकधारी महापंचायत के आह्वान पर रविवार चारों धामों के पुरोहितों और इन मंदिरों से जुड़े हकहकूकधारियों ने राज्य सरकार की बुद्धि और शुद्धि के लिए हवन और यज्ञ किया। इस दौरान तीर्थ पुरोहितों ने राज्य सरकार को चेतावनी दी कि यदि वह देवस्थानम बोर्ड से संबंधित पुनर्विचार की घोषणा पर अमल नही करती है, तो चारों धामों में उग्र आंदोलन किया जाएगा। सोमवार निर्जला एकादशी (21जून) से चारों धामों में सरकार के खिलाफ अनिश्चितकालीन धरना एवं प्रदर्शन शुरू किया जाएगा।
महापंचायत के प्रवक्ता डॉ बृजेश सती ने बताया कि मुख्यमंत्री की ओर से कई बार सार्वजनिक रूप से देवस्थानम बोर्ड पर पुनर्विचार विचार एवं देवस्थानम बोर्ड में लिए गए 51 मंदिरों को इससे मुक्त करने की घोषणा की गई थी, लेकिन दो महीने से अधिक का समय बीत जाने के बावजूद भी राज्य सरकार ने इस दिशा में कोई पहल नहीं की गई। इससे नाराज चारों धामों कके तीर्थ पुरोहित आंदोलन की राह पर हैं। डॉक्टर सती ने बताया कि आज तय कार्यक्रम के अनुसार गंगा दशहरा के दिन चारों धामों में सरकार की बुद्धि की शुद्धि के लिए यज्ञ और हवन आयोजित किया गया। बताया कि सोमवार से निर्जला एकादशी से चारों धामों में अनिश्चितकालीन धरना एवं प्रदर्शन शुरू होगा। प्रवक्ता ने जानकारी दी कि है तीर्थ पुरोहितों का आंदोलन का पहला चरण है। यदि सरकार समय रहते अपनी घोषणा पर कायम नहीं रहती है, तो उसके बाद द्वितीय चरण में उग्र आंदोलन किया जाएगा।
यमुनोत्री धाम में यमुनोत्री तीर्थ पुरोहित महासभा के अध्यक्ष पुरुषोत्तम उनियाल के नेतृत्व में यज्ञआयोजित किया गया। इस दौरान मंदिर समिति के पदाधिकारी लखन, अमित उनियाल, सुरेश उनियाल, राजस्वरूप, विपिन, अनुरूद उनियाल भी मौजूद रहे। गंगोत्री धाम में महासचिव दीपक सेमवाल के नेतृत्व में सरकार की बुद्धि की शुद्धि के लिए यज्ञ किया गया। इस दौरान रावल रविंद्र सेमवाल,राकेश सेमवाल, अरुण सेमवाल, राजेश सेमवाल ,सुभाष, संजय सेमवाल आदि उपस्थित रहे। बदरीनाथ धाम स्थित ब्रहमकपाल तीर्थ में संजय सवाल व मदन कोटियाल ने हवन किया। केदारनाथ धाम में केदारनाथ तीर्थ पुरोहित महासभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला के नेतृत्व में बुद्धि शुद्धि यज्ञ किया गया। इस दौरान केदार सभा महामंत्री राजकुमार, पूर्व केदार सभा अध्यक्ष किशनबगवाड़ी, उमेश पोस्ती, आचार्य संजय तिवारी, चमन शुक्ला, राम प्रसाद शुक्ला, आलोक महाराज शनि देव, शशि अवस्ती तीर्थ पुरोहित मौजूद थे।