गोपेश्वर (चमोली)। खेल प्रतिभाओं को उभारने के लिए भले ही सरकार तमाम दावे कर ले लेकिन जमींनी हकीकत इससे इत्तर है। चमोली जिले में खेल प्रतिभाओं को निखारने को लेकर स्थानीय जन प्रतिनिधियों से लेकर मुख्यमंत्री तक कई दावे किये जाते हैं। लेकिन जिले में पीपलकोटी का खेल मैदान सरकार, जन प्रतिनिधियों, शासन और प्रशासन की खेल और खेल प्रतिभा के प्रति गंभीरता को स्पष्ट कर रहा है। वर्ष 2012 में मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद वर्तमान तक यहां खेल मैदान का महज समतलीकरण कार्य पूर्ण हो सका है। जबकि अन्य सुविधाओं को लेकर कोई कार्रवाई होती नजर नहीं आ रही है।

बता दें कि बंड क्षेत्र के ग्रामीणों की मांग को देखते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूरी, रमेश पोखरियाल निशंक और हरीश रावत की ओर से सेमलडाला खेल मैदान निर्माण की घोषणा की। जिसके बाद वर्ष 2014 में पीटकुल से खेल विभाग को भूमि हस्तांतरण के बाद विभाग की ओर से मैदान निर्माण का चार करोड़ 29 लाख का वित्तीय प्रस्ताव शासन को स्वीकृति के लिये भेजा गया। जिस पर शासन की ओर से वर्ष 2016 में मैदान निर्माण के लिये मिली पहली 25 लाख की किस्त से यहां मैदान का समतलीकरण कार्य किया गया। जिसके बाद से खेल मैदान निर्माण को लेकर सरकार और शासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है। बल्कि शासन के आदेश पर वर्ष 2020 में मैदान निर्माण का जिम्मा खेल विभाग से लेकर युवा कल्याण विभाग को सौंप दिया गया। लेकिन प्रशासन और शासन की कार्य प्रणाली का आलम यह है कि एक वर्ष से अधिक समय बीत जाने के  बाद भी वर्तमान तक भूमि का हस्तांतरण खेल विभाग से युवा कल्याण विभाग का नहीं किया गया है। जिसके चलते बंड क्षेत्र के गांवों को लाभांवित करने वाले सेमलडाला खेल मैदान का मसला ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है।

 

सेमलडाला खेल मैदान के भूमि हस्तांतरण का प्रस्ताव शासन को दिया गया है। भूमि हस्तांतरण प्रक्रिया शासन स्तर पर लंबित पड़ी हुई है। भूमि हस्तांतरण के बाद खेल मैदान में शेष निर्माण कार्य पूर्ण करने को  अग्रिम कार्यवाई की जाएगी।

एएस नयाल, युवा कल्याण अधिकारी, चमेली।

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