गोविंदघाट (चमोली)। विश्व धरोहर फूलों की घाटी में अतिवृष्टि के कारण रास्तों के क्षतिग्रस्त होने के कारण फूलों की घाटी की यात्रा को सोमवार नौ अगस्त के लिए रोक दी गई है।
फूलों की घाटी के बामण धौड़ में एक पुलिया भी बह गई है साथ ही द्वारी पैरा नामक स्थान में घाटी को जाने वाला रास्ता भी काफी क्षतिग्रस्त हुआ है। जिस कारण से वन विभाग ने वैली ऑफ फ्लावर में जाने वाले टूरिस्टो की सुरक्षा को देखते हुए एक दिन के लिए यात्रा रोक दी है। फूलों की घाटी के रेंज अधिकारी बृजमोहन भारती ने बताया कि कुन्ड खाल से आने वाला ओथ नाला हनुमान चट्टी में अलकनंदा में मिलता है। बताया कि रविवार की रात्रि को अतिवृष्टि के कारण इस नाले में जलजला आने के से आरक्षित वन क्षेत्र समेत ग्रामीण क्षेत्रों में कहीं-कहीं पर कटाव हुआ है और कुछ पैदल मार्ग भी टूट गए हैं। साथ ही फूलों की घाटी के कुछ ट्रैक मार्ग भी क्षतिग्रस्त हुए है। उन्होंने बताया कि वन विभाग की अलग-अलग टीमें मजदूरों को लेकर रास्ता ठीक करने के लिए चली गई है। उम्मीद है कि देर शाम तक वैली ऑफ फ्लावर के रास्ते दुरस्त कर दिए जाएंगे जिसके बाद संभवत 10 अगस्त मंगलवार से फूलों की घाटी में टूरिस्टो को आने-जाने दिया जाएगा।
वही ओथ हनुमान चट्टी के लोगों में रविवार की देर रात्रि से काफी डरे हुए है। स्थानीय निवासी धर्मेंद्र नेगी ने बताया कि कुंठ खाल क्षेत्र में अतिवृष्टि होने की संभावना है जिसके बाद नाले ने विकराल रूप धारण किया है। बताया कि गांव के रास्ते काफी क्षतिग्रस्त हुए हैं और कटाव भी बढा है। पेयजल लाइन भी क्षतिग्रस्त हो गई है, वही तहसीलदार जोशीमठ प्रदीप नेगी ने बताया कि इस मामले में हनुमान चट्टी पुलिस चैकी वह स्थानीय लोगों से संपर्क किया जा रहा है। जल्द ही प्रशासन की टीम मौके के लिए भेजी जा रही है ताकि हुए नुकसान का आकलन किया जा सके।