स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज की बिना अनुमति के छापा गया निमंत्रण पत्रः प्रबोधानंद
हरिद्वार। जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज के प्रतिनिधि जूना अखाड़े के वरिष्ठ महामण्डलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरि महाराज ने कहाकि आवाह्न अखाड़े में 11 मार्च को होने जा रहे आचार्य मण्डलेश्वर पट्टाभिषेक का जूना अखाड़े ने पूर्णतया वहिष्कार किया है। साथ ही दोनों अखाड़ा परिषदों ने भी इस कृत्य को सनातन परम्परा के विपरीत बताया है। जूना अखाड़े के वरिष्ठ महामण्डलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरि महाराज ने कहाकि मंगलवार दोपहर एक बजे जूना पीठाधीश्वर ने कनखल स्थित हरिहर आश्रम में मुझे आमंत्रित किया था। इस दौरान आवाह्न अखाड़े के पट्टाभिषेक को लेकर चर्चा हुई। उन्होंने कहाकि इस संबंध में चर्चा करने पर जूना पीठाधीश्वर ने मुझे अपना विशेष प्रतिनिधि नियुक्त करते हुए कहाकि जो निमंत्रण पत्र छापा गया है, उसके संबंध में मुझसे कोई किसी प्रकार की राय नहीं ली गईं। निमंत्रण पत्र आयोजकों ने अपनी मनमर्जी से छापा है, जिसकी वे घोर निंदा करते हैं। जूना अखाड़े के वरिष्ठ महामण्डलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरि महाराज ने कहाकि जूना पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज ने इस कार्यक्रम का वहिष्कार करने की घोषणा की है। साथ ही समस्त जूना अखाड़े ने भी इस कार्यक्रम के वहिष्कार की घोषणा की है। इस कार्यक्रम में जूना अखाड़े का कोई भी संत या प्रतिनिधि उपस्थित नहीं होगा। महामण्डलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरि महाराज ने कहाकि उनकी दोनों अखाड़ा परिषद के पदाधिकारियों से भी वार्ता हुई। उन्होंने भी इसको सनातन परम्परा के विरूद्ध बताया। उन्होंने कहाकि इसमें हमारी कोई सहमति नहीं है और ना ही हम आवाह्न अखाड़े के इस कृत्य के साथ है। ये आवाह्न अखाड़े के पदाध्किारियों की मनमर्जी व मठ मर्जी है। आचार्य बनाने के लिए अखाड़ों में आपसी विमर्श होता है। हम अपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति के आचार्य बनने के खिलाफ हैं। उन्होंने कहाकि कई अन्य आचार्याें से उनकी वार्ता हुई है, उन्होंने भी इस कार्यक्रम में उपस्थित होने से साफ इंकार कर दिया है।