गोपेश्वर (चमोली)। जहां एक ओर अधिकांश सरकारी सेवा में कार्यरत कर्मी सुगम अथवा मैदानी क्षेत्रों में तैनाती पाने के लिए सिफारिश लगाते दिख सकतें है। वहीं कई ऐसे भी कर्मी है जो दुर्गम स्थानों पर रह कर ही अपनी सेवाओं से खुश नजर आते है। ऐसे ही एक अध्यापक है उमेश चंद्र थपलियाल जो कि 27 सालों से दुर्गम क्षेत्र के विद्यालय राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय दुर्मी में अपनी सेवाऐं दे रहे है। बुधवार को जब उत्तराखंड के मुख्यमंत्री दुर्मी पहुंचे थे तो उन्हें थपलियाल की सराहना करते हुए उन्हें सम्मानित किया। थपलियाल के सम्मान पाने से शिक्षकों में काफी उत्साह है। प्राथमिक शिक्षक संघ के ब्लाॅक अध्यक्ष विक्रम सिंह झिक्वाण ने कहा कि थपलियाल उन सभी शिक्षकों के लिए प्रेरणा है जो दुर्गम क्षेत्रों में रह कर नौनिहालों के भविष्य को संवार रहे है। उन्होंने कहा कि आने वाले युवाओं के लिए भी ये प्रेरणा का कार्य करेंगे।

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