गोपेश्वर (चमोली)। उत्तराखंड के उत्तरकाशी के पुरोला में घटित घटना को सांप्रदायिक रंग देने के विरोध में मंगलवार को वामपंथी दलों की ओर से जिलाधिकारी चमोली के कार्यालय परिसर के सम्मुख धरना दिया गया तथा इस घटना की निष्पक्ष जांच करने की मांग को लेकर एक ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से राज्यपाल को भेजा गया। सीपीएम के जिलाध्यक्ष भुपाल सिंह रावत, सीपीआई के विनोद जोशी और भाकपा माले के अतुल सती ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार की ओर से अल्पसंख्यकों, अनुसूचित जाति, जनजाति के लोगों के विरोध में नफरत फैलाने का काम किया जा रहा है। इन वर्ग के लोगों को तारगेट कर समाजिक तानाबाना समाप्त करने की कोशिश की जा रही है। प्रदेश के मुखिया स्वयं ही लव जेहाद और लैंड जेहाद की घोषणा कर रहे है। जो कि संविधान का उल्लंखन है। उन्होंने कहा कि लैंड जेहाद के नाम पर मात्र मजारों को तोड़ा जा रहा है। प्रदेश सरकार की ओर से भूमिहीन अनुसूचितजाति के लोगों को नोटिस देकर उन्हें भूमि से बेदख किया जा रहा है। इस प्रकार की एक तरफा कार्रवाई पर रोक लगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस धरने के माध्यम से राज्यपाल से मांग की गई है कि पुरोला में सांप्रदायिक माहौल खराब करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, हेट स्पीच देने वालों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जाए, प्रदेश में सरकार भूमि पर जिसने भी कब्जा किया है उस पर कार्रवाई की जाए मात्र संप्रदाय विशेष के लोगों पर हो रही कार्रवाई पर रोक लगायी जाए, दर्शन भारती जैसे घोर सांप्रदायिक लोगों को गिरफ्तार किया जाए। धरना देने वालों में ज्ञानेंद्र खंतवाल, नरेंद्र रावत, संजय भंडारी, दीपक लाल, मदन मोहन चमोली, धन सिंह राणा आदि शामिल थे।
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