गोपेश्वर (चमोली)। चमोली जनपद को शत प्रतिशत साक्षर जिला बनाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से ‘समर्थ गांव योजना’ शुरू की गई है। जिसके तहत प्रत्येक गांव एवं नगर क्षेत्रों में निरक्षर लोगों को ‘ज्ञान मित्रों’ के माध्यम से अप्रैल 2024 तक साक्षर बनाने का लक्ष्य रखा गया है। प्रत्येक ब्लाक में ज्ञान मित्रों को प्रशिक्षण देने के लिए मास्टर ट्रेनरों नियुक्ति किए गए है। 

समर्थ गांव योजना के उदेश्य को साकार करने के लिए शुक्रवार को अटल उत्कृष्ट राइका गोपेश्वर में कार्यशाल आयोजित कर मास्टर ट्रेनरों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया। जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए समर्थ गांव की परिकल्पना को साकार करने के लिए शुभकामनाएं दी। जिलाधिकारी ने कहा कि सामाजिक विकास के लिए समर्थ गांव योजना शुरू की गई है। जिसमें प्रत्येक निरक्षर व्यक्ति पढ़ना और गणना सीख कर साक्षर बन सके। ताकि वह अपने अधिकारों, सरकार से मिलने वाले लाभ व स्वयं के द्वारा किए जाने वाले कार्यो के प्रति अधिक जागरूकता से कार्य कर सके।

जिलाधिकारी ने कहा कि समर्थ गांव योजना एक समयबद्व योजना है। जनपद की शत प्रतिशत साक्षरता के लिए इस योजना को एक जन आंदोलन बनाकर कार्य किया जाए। इस दौरान जिलाधिकारी ने अजीज फाउडेशन की ओर से समर्थ गांव योजना के लिए तैयार किए गए प्रौढ़ शिक्षा मॉड्यूल का विमोचन भी किया।

मुख्य विकास अधिकारी डा.ललित नारायण मिश्र ने कहा कि समर्थ गांव योजना जनपद को शत प्रतिशत साक्षर जिला बनाने के लिए समर्पित है। यह एक सहभागी एवं स्वयंसेवी योजना है। उन्होंने कहा कि योजना में ज्ञान मित्र के रूप में कार्य करने वाली आंगनबाडी कार्यकत्री, सहायिका, शिक्षक, विद्यार्थी, स्वयंसेवी संस्थाओं से जुड़े व्यक्ति एवं सुधीजनों को पूरी लगन एवं प्रयास से योजना सफल बनाने में सहयोग करें। निरक्षर व्यक्तियों की सुविधा के अनुसार उनके प्रवेश में ही घुल मिलकर सौहार्दपूर्ण वातारण में उनको साक्षर बनाया जाए।

मुख्य शिक्षा अधिकारी कुलदीप गैरोला में समर्थ गांव योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि साक्षरता दर के हिसाब से जनपद चमोली उत्तराखंड राज्य में तीसरे स्थान पर है। जनपद की कुल साक्षरता दर 82.85 प्रतिशत है जिसमें पुरूष साक्षरता 94.35 तथा महिला साक्षरता 73.20 प्रतिशत है। पुरूष और महिला साक्षरता दर में 21 प्रतिशत का अंतर है। इस गैप को दूर करने के साथ ही जिले को शत प्रतिशत साक्षर जिला बनाने के लिए जिलाधिकारी के प्रयासों से समर्थ गांव योजना शुरू की गई है। उन्होंने बताया कि बीएलओ एवं आंगनबाडी कार्यकत्रियों के माध्यम से प्रत्येक गांव में सर्वे कर ऐसे लोगों को चिन्हित कर लिया गया है। साथ ही ज्ञान मित्रों को प्रशिक्षित करने के लिए प्रत्येक ब्लाक में मास्टर ट्रेनर रहेंगे। अजीज फाउडेशन की ओर से प्रौढ़ शिक्षा मॉडयूल तैयार किया गया है। जिला एवं ब्लाक स्तर पर कोर कमेटी के माध्यम से साक्षरता कार्यक्रम का नियमित अंतराल पर पर्यवेक्षण भी किया जाएगा। कार्यशाल में मुख्य विकास अधिकारी डा.ललित नारायण मिश्र, मुख्य शिक्षा अधिकारी कुलदीप गैरोला, आदि मौजूद थे।

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