गोपेश्वर (चमोली)। चमोली जिले में आपदा से निपटने के लिए 6 स्थानों पर मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। जिलाधिकारी गौरव कुमार के दिशा निर्देश के तहत आपदा की विभिन्न परिस्थिति से निपटने के लिए राहत व बचाव दलों में त्वरित रेस्क्यू संचालन का अभ्यास गया। इसके तहत रैणी, जीएमवीएन ज्योतिर्मठ, जिला चिकित्सालय गोपेश्वर, टीएचडीसी पीपलकोंटी, नंदानगर और थराली में आपदा प्रबंधन टीमों ने मॉक ड्रिल किया। मॉक ड्रिल के तहत रेणी क्षेत्र में ऋषिगंगा नदी पर झील बनने से बीआरओ का मोटर पुल क्षतिग्रस्त होने की स्थिति बनाई गई। इसमें दोनों ओर लगभग 50 लोगों के फंसने पर रेस्क्यू आपरेशन किया गया। ज्योतिर्मठ में भूकम्प से जीएमवीएन भवन एवं एक आवासीय भवन क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में 15-20 लोगों को सुरक्षित निकाला गया। टीएचडीसी की विष्णुगाड-पीपलकोटी परियोजना की निर्माणाधीन सुरंग में क्षति एवं ऑक्सीजन की कमी के बीच 8-10 कार्मिकों के बचाव का अभ्यास किया गया। जिला चिकित्सालय गोपेश्वर के आपातकालीन कक्ष के क्षतिग्रस्त होने पर मरीजों व कार्मिकों को सुरक्षित बाहर निकालने की प्रक्रिया का मॉकड्रिल किया गया।
राजकीय इंटर कॉलेज घाट नंदानगर के दो कक्षों के पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त होने पर 35-40 छात्रों का रेस्क्यू आपरेशन किया गया। तहसील थराली में पहाड़ी से मलबा गिरने की अफवाह से उत्पन्न भगदड़ की स्थिति का परीक्षण करते हुए 10-12 घायलों को प्राथमिक उपचार एवं सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने का अभ्यास किया गया।
डीएम गौरव कुमार ने बताया कि मॉक ड्रिल का उद्देश्य आपदा की स्थिति में त्वरित, प्रभावी एवं समन्वित राहत-बचाव कार्य सुनिश्चित करना रहा। इस दौरान पुलिस अधीक्षक सुरजीत सिंह पंवार, अपर जिलाधिकारी विवेक प्रकाश, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नन्द किशोर जोशी,मुख्य चिकित्साधिकारी अभिषेक गुप्ता एवं संबंधित विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारी वर्चुअल माध्यम से जुड़े रहे।
