देवाल (चमोली)। मां नंदा की लोकजात धीरे-धीरे अपने अंतिम पड़ाव कैलाश के लिए अग्रसर हो रही है। शुक्रवार को नंदादेवी की उत्सव डोली इच्छोली गांव से कैल गांव पहुंची जहां पर भक्तों ने माता की उत्सव डोली का स्वागत किया। तथा यहां से पूजा अर्चना के बाद रात्रि विश्राम में लिए फल्दीया गांव के लिए रवाना हो गई है।
मां नंदा देवी लोकजात यात्रा इच्छोली से दिन में ब्रह्म भोजन के लिए मिश्र बन्धुओं के पैतृक गांव कैल गांव में पहुंचीं। ग्रामीणों ने नंदा की विग्रह डोली का फूलमालाओं से स्वागत किया। देवी के दर्शन करने वालों का सैलाब उमड़ पड़ा। कैल में ग्राम प्रधान जीवन मिश्रा, जोगा दंत, कांता प्रसाद, देवी दत्त, आत्मा राम आदि ने नंदा की उत्सव डोली का स्वागत किया। सैकड़ों भक्तों ने मां नंदा की पूजा अर्चना कर आशिर्वाद लिया। महिलाओं ने भजन कीर्तन किये। मां नंदा को सोलह श्रृंगार सामग्री भेंट की। उसके बाद लोकजात यात्रा रात्रि प्रवास के लिए फल्दीयागांव के लिए रवाना हुई। शनिवार को विग्रह डोली को फल्दियागांव से काडेई गांव से पिलखाडा, ल्वाणी से होते हुए मुदोली गांव जाएगी।