गोपेश्वर (चमोली)। राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा उत्तराखंड के तत्वावधान में सोमवार को एक पौध पुरानी पेंशन बहाली के नाम अभियान के तहत पुरानी पेंशन विहीन अधिकारी, शिक्षक तथा कर्मचारियों ने संकल्प पौधरोपण किया। अभियान का उद्देश्य जहां पुरानी पेंशन की बहाली था वहीं भावी पीढ़ी के लिए पर्यावरण संरक्षण का संदेश देना भी था।
संगठन के जिलाध्यक्ष पूरन फरस्वाण ने कहा कि वर्ष 2005 के बाद नियुक्त सभी अधिकारी, शिक्षक तथा कर्मचारियों को सरकार की ओर से पुरानी पेंशन बंद कर नई पेंशन योजना लागू की गई। नई पेंशन योजना से आच्छादित कर्मचारी जब सेवानिवृत्त होने लगे तो तब पता चला कि नई पेंशन योजना कर्मचारियों के अभिशाप है। क्योंकि इस योजना से मिलने वाली पेंशन वृद्धावस्था और किसान पेंशन सभी कम है जिससे सेवानिवृत्त कर्मचारियों का एक दिन का गुजारा होना भी सम्भव नहीं है। अब इस योजना को कर्मचारियों ने अहितकर व बुढ़ापे के लिए अभिशाप समझकर इसका विरोध कर सरकार से पुरानी पेंशन बहाली की मांग की है। राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के तहत कर्मचारी पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रहे हैं। कर्मचारियों की ओर से लगातार इसके विरोध में विभिन्न प्रकार के विरोध कार्यक्रम किये जा रहे हैं इसी के तहत सोमवार को पूरे प्रदेश में पौधरोपण कार्यक्रम किया गया। जनपद चमोली में पुरानी पेंशन विहीन कर्मचारियों ने जगह-जगह पर वृक्षारोपण कर सरकार से तत्काल पुरानी पेंशन बहाली की मांग की। इस कार्यक्रम के माध्यम से जहां पुरानी पेंशन विहीन कर्मचारियों ने नई पेंशन योजना का पुरजोर विरोध किया वहीं पुरानी पेंशन से आच्छादित कर्मचारियों ने नई पेंशन योजना से आच्छादित कर्मचारियों के पुरानी पेंशन बहाली की मांग का समर्थन किया। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए विकास खण्ड स्तरों पर जिला कार्यकारिणी के पदाधिकारियों ने मोर्चा संभाल जिसके तहत गैरसैंण में पूरन सिंह फरस्वान, दशोली में डा. डीएस नेगी, घाट में सतीश कुमार, जोशीमठ में अवधेश सेमवाल पोखरी में ज्योति नौटियाल, कर्णप्रयाग में डीएस नेगी, नारायणबग्ड में संतोष नैनवाल, थराली में जीएस फरस्वान तथा देवाल में योगिता पंत के देखरेख में संपन्न किया गया।