गोपेश्वर (चमोली)। जिला कांग्रेस कमेटी अखिल भारतीय किसान सभा और सीटू चमोली ने शुक्रवार को अंग्रेजो भारत छोड़ों आंदोलन की वर्षगांठ पर देश व्यापी आंदोलन को अपना समर्थन देते हुए राष्ट्रपति को एक ज्ञापन भेजकर किसानों और मजदूरों की लंबे समय से चली आ रही मांगों पर सकारात्मक पहल करने की मांग की।

किसान सभा के अध्यक्ष बस्ती लाल और सीटू के अध्यक्ष मदन मिश्रा ने कहा कि वर्ष 2014 में देश की जनता के लिए अच्छे दिन लाने के वादे के साथ केन्द्र में भाजपा की सरकार बनी और तदोपरान्त कई राज्यों में भी भाजपा की सरकारें बनी। डबल इंजन के नाम पर हमारे राज्य में भी वर्तमान में भाजपा की सरकार है। अच्छे दिनों को लाने के वादे के विपरीत मजदूरों-किसानों और आम जनता के जीवन स्तर में कोई रचनात्मक सुधार नहीं हुआ है, जिसका मुख्य कारण बडे़ औद्योगिक घरानों को लाभ पहुंचाना। केन्द्र सरकार की जनविरोधी और मजदूर विरोधी आर्थिक एवं औद्योगिक नीति के चलते दिन-प्रतिदिन बढ़ती महंगाई, घटते रोजगार के कारण पूरे देश में भारी जन असन्तोष और गहरा आर्थिक संकट पैदा हुआ। उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से कृषि क्षेत्र में तीन किसान विरोधी कानून बनाकर तथा स्थापित श्रम कानूनों में संशोधन कर मजदूरों-किसानों के अधिकारों पर कठोरत्तम हमला किया जाने लगा। उन्होंने कहा कि हाल के लोक सभा चुनाव में भाजपा अपने बल पर केन्द्र में बहुमत हासिल नहीं कर पायी है और सहयोगी दलों के सहारे केन्द्र में सरकार चला रही है। परन्तु केन्द्र सरकार की आर्थिक नीतियों में कोई बदलाव नहीं दिखाई देता है तथा मजदूर किसानों के शोषण की नीतियों को और तीखा करने की कोशिश कर रही है। हाल में ही में संकुचनकारी बजट का पेश किया जाना इसका सपष्ट उदाहरण हैं। उन्होंने कहा कि उनके संगठनों की ओर से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेज कर 18 सूत्रीय मांगों पर सरकार से सकारात्मक पहल करने के लिए निर्देश देने की अपील की है। उन्होंने बताया कि उनकी मांग है कि देश में बढ़ रही चौतरफा महंगाई पर रोक लगाते हुए तथा जीएसटी की बढ़ी हुई दरें वापस लिया जाए, पुराने श्रम कानूनों की बहाली करते हुए मजदूर विरोधी कानूनों को वापस लिया जाए, किसानों के ऋण माफ हो, सभी फसलों के लिए कानून बना कर न्यूनत्तम समर्थन मूल्य मिलने की गारन्टी दो। सबको निशुल्क शिक्षा, स्वास्थ्य की गारन्टी, तथा सस्ते गल्ले के माध्यम से केरल की तर्ज पर आवश्यक उपभोग की वस्तुऐं सस्ते दाम पर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करो, मनरेगा का शहरी क्षेत्रों तक विस्तार किया जाए, भूमिहीन लोगों को जमीन, मकान उपलब्ध कराना और पूर्व में सरकारी भूमि पर काबिज इन लागों को मालिकाना हक देना सुनिश्चित करो, आंगनवाड़ी, आशा, भोजन माताओं, को राज्य कर्मचारी घोषित करो।

केन्द्र व राज्य सरकारों के कर्मचारियों की भर्ती पर रोक खत्म करो तथा समाप्त किये गये पदों को पुर्न जीवित करो, देश एवं प्रदेश में कार्यरत सभी कामगारों के लिए सामाजिक सुरक्षा दी जाए, रेलवे के निजीकरण पर रोक लगाई जाय और रेलवे में सारे रिक्त पदों के सापेक्ष भर्ती प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जाए आदि प्रमुख रूप से शामिल है। इस मौके पर बस्ती लाल, ज्ञानेंद्र खंतवाल, मदन मिश्रा, मनमोहन रौतेला, पुष्पा किमोठी, भूपाल सिंह रावत आदि शामिल थे।

 

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