गोपेश्वर (चमोली)। यूनिवर्सिटी ऑफ पैट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडीज देहरादून की ओर से सोमवार को एनसीएसटी और डीएसटी के सहयोग से राजकीय इंटर काॅलेज गोश्वर में सस्टेबल इनर्जी को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान यहां चमोली जिले 10 विद्यालयों के 200 बाल वैज्ञानिक को सस्टेबल इनर्जी के स्रोतों के विषय में जानकारी देते हुए। नये प्रयोग और उपकरण बनाने के लिये प्रेरित किया गया।

राइका गोपेश्वर में आयोजित कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए मुख्य शिक्षा अधिकारी एलएम चमोला ने कहा कि दुनिया में सस्टेबल एनर्जी के उपयोग से ईधन में हो रहे खर्च को कम करने के साथ ही पर्यावरण संरक्षण के प्रयास किये जा रहे हैं। ऐसे में बाल वैज्ञानिकों को इसकी जानकारी लेते हुए नये उपकरण बनाने की ओर कार्य करना चाहिए। इस दौरान पैट्रोलिय यूनिवर्सिटी के डा. अत्रि नौटियाल, मो. याकूद और डा. बीके चतुर्वेदी ने बाल वैज्ञानिकों को सोलर, बायोवेस्ट और हाईड्रो पावर इनर्जी के स्रोतों के विषय में जानकारी दी। साथ यहां कार्यशाला के दौरान उन्होंने सोलर और विंड एनर्जी से संचालित संयंत्रों के डेमो का प्रदर्शन कर सस्टेबल एनर्जी की कार्य प्रणाली और मेकेनिजम की भी जानकारी दी। इस मौके पर कार्यक्रम संयोजक डीएस कंडेरी, आत्म प्रकाश डिमरी, अनूप खंडूरी, विनोद पुरोहित, श्रीकृष्ण पुरोहित, भरत बिष्ट, ज्योत्सना केडियाल, अनीता आर्य, ज्योति कपरवाण और भुवनेश्वरी चैहान आदि मौजूद थे।

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