गोपेश्वर (चमोली)। उद्यान कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने उद्यान विभाग का कृषि विभाग में एकीकरण करने का विरोध किया है। मोर्चे के पदाधिकारियों ने मामले में शुक्रवार को बदरीनाथ विधायक के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर एकीकरण को निरस्त करने की मांग उठाई है। मोर्चे ने मांग पर कार्रवाई न किये जाने आंदोलन की चेतावनी दी है।

मार्चे के मुख्य संयोजक आरएस राणा का कहना है कि उद्यान व कृषि विभाग के एकीकरण में कार्मिकों का पक्ष जाने बिना कैबिनेट में प्रस्ताव लाया है। जबकि 10 दिसम्बर को संगठन के साथ हुई बैठक में कार्मिकों को भरोसा दिलाया गया था कि एकीकरण से किसी के हित बाधित नहीं होने दिये जाएंगे। जिसके लिये अपर सचिव डा. रामविलास यादव की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई थी। लेकिन कमेटी अध्यक्ष की ओर से बिना कार्मिकों का पक्ष जाने और प्रशाकीय विभाग, कार्मिक, वित्त, न्याय विधायी विभाग की अनुमति के बिना प्रस्ताव कैबिनेट में लाया गया है। जिससे कार्मिकों को उद्यान सहायक संवर्ग के 500 तथा सभी संवर्गों के 1 हजार से अधिक पदों की कटौती की आशंका के चलते भारी नाराजगी है। उन्होंने कहा कि पदो की कटौती से जहां कार्मिकों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। वहीं बेरोजगारों के लिये रोजगार के अवसरों में भी कमी आयेगी। इसके साथ प्रस्ताव में कृषि पर विशेष जोर दिया गया है। जो उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्य के कृषकों के लिये भी लाभप्रद नहीं है। ऐसे में मोर्चे की ओर से एकीकरण के उक्त प्रकरण को निरस्त करने की मांग की गई है। इस दौरान मोर्चे के आरएस राणा, एचबी जोशी, राजकिशोर, भूपेंद्र सिंह नेगी, शंकर देवराड़ी, सोहन लाल और गिरीश कुमार मौजूद थे।

 

 

 

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