चेतावनीः 27 अप्रैल तक न हुआ समाधान तो करेंगे बाजार बंद और चक्का जाम
जोशीमठ (चमोली)। जोशीमठ भूधंसाव की समस्याओ ंलेकर तहसील प्रांगण जोशीमठ में आपदा प्रभावितों का जोशीमठ बचाओ सघर्ष समिति के बैनर तले चल रहे धरने को बुधवार को तीन माह दो दिन हो गया है। लेकिन उनकी समस्याऐं आज भी जस की तस बनी हुई है जिससे लोगों में सरकार के प्रति आक्रोश पैदा होता जा रहा है। बुधवार को संघर्ष समिति ने एक ज्ञापन उपजिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजकर समस्याओं के समाधान की मांग की है।
संघर्ष समिति के संयोजक अतुल सती, प्रवक्ता कमल रतूड़ी, कुशलानंद डिमरी, कृष्णा पुरोहित का कहना है कि जोशीमठ की जनता पिछले तीन माह से आपदा से उपजे संकटों के समाधान के लिए आंदोलनरत है। लगातार सरकार से निवेदन और प्रार्थाना के बावजूद मांगों पर कोई सकारात्मक कार्रवाई की उपेक्षा हो रही है। जिससे जनता का धैर्य चूक रहा है ।
उनका कहना है कि जनवरी माह में सरकार से वार्ता में अनुरोध किया गया था कि आपदा से मुकाबला सभी मिलकर कर सकते है। संघर्ष समिति ने सरकार को पूरा सहयोग करने का प्रस्ताव भी रखा, इसके लिये हमने राज्य के स्तर पर एक उच्च स्तरीय कमेटी के गठन का सुझाव दिया था जिसमें स्थानीय प्रतिनिधियों, संघर्ष स्मीति के प्रतिनिधियों को शामिल करने की बात थी। साथ ही आपदा से स्थानीय स्तर पर निपटने के लिये एक समन्वय समिती बनाने का सुझाव रखा था। किंतु सरकार ने दोनों पर गौर नहीं किया जिसके चलते जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिसका परिणाम यह है कि समन्वय की कमी ओर संवेदनहीनता बनी हुई है। आपदा के इस संकट में टकराव की स्थिति से बचा जा सकता है लेकिन सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि आंदोलन की सामान्य और व्यावहारिक मांगों पर कोई सकारात्मक पहल न होने से लोगों का धैर्य डोल रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए संघर्ष समिति ने चेतावनी दी थी कि यदि 27 अप्रैल तक कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाये जाते है तो उन्हें बाजार बंद और चक्का जाम जैसे कठोर निर्णय लेने के लिए विवश होना पडे़गा जो बदरीनाथ धाम की यात्रा और पर्यटकों के हित में सही नहीं होगा। इसलिए सरकार को उनकी मांगों पर जल्द से जल्द गौर करना चाहिए।