यशवंत सिंह राणा

पोखरी (चमोली)। संचार क्रांति के दौर में भी चमोली जिले का पोखरी ब्लॉक सर्वाधिक आबादी वाला गांव पोगठा के ग्रामीण संचार सेवा से नहीं जुड़ सके हैं। यहां वर्तमान में भी ग्रामीण संचार सुविधा के लिये 10 किलोमीटर की दौड़ लगाने को मजबूर हैं। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों को संचार क्रांति से जोड़ने के सरकारी दावों की जमीनी हकीकत का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।

बता दें कि चमोली जिले की राजनीति की धूरी माने जाने वाले पोखरी ब्लॉक का पोगठा गांव वर्तमान में तीन सौ परिवारों की आबादी वाला गांव है। वहीं गांव की बड़ी युवा आबादी सेना अथवा अन्य रोजगार के लिये बाहरी क्षेत्रों में निवास करते हैं। लेकिन वर्तमान तक यहां संचार सुविधा न होने के चलते ग्रामीणों के सम्मुख सीमा पर तैनात अपने पाल्या और अन्य रोजगार के लिये बाहरी क्षेत्रों में रहने वाले परिजनों की कुशल क्षेम पूछना बड़ी चुनौती बना हुआ है। यहां ग्रामीण आज भी संचार सुविधा के लिये 10 किलोमीटर की दूरी नापकर कनकचैरी जाने को मजबूर हैं। ऐसे यहां सरकार की योजनाओं की जानकारी और ऑनलाइन सेवाओं के विस्तार को लेकर किये जा रहे दावे ग्रामीणों के लिये हवा-हवाई साबित हो रहे हैं।

 

क्या कहते हैं ग्रामीण

स्थानीय निवासी सुभाष नेगी, बलराम नेगी, भरत सिंह, लक्ष्मण सिंह का कहना है कि वर्तमान जहां सरकारी योजनाओं से जुड़ने से लेकर बैंकिंग और बच्चों की शिक्षा के लिये संचार सुविधा आवश्यक हो गई है। ऐसे में पोगठा गांव में संचार सुविधा न होना सरकारों की कार्य प्रणाली को प्रदर्शित करता है।

 

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