गोपेश्वर (चमोली)। चमोली जिले में इस वर्ष कोरोना की रफ्तार कम होने के साथ ही बदरीनाथ धाम की यात्रा शुरू होने से पूर्व आयोजित होने वाले धार्मिक आयोजनों को लेकर स्थानीय लोगों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। बीते दो वर्षों से कोरोना की पाबंदियों के चलते धार्मिक आयोजन सादे समारोह में आयोजित किये जा रहे थे।
बता दें, चमोली में प्रतिवर्ष बदरीनाथ धाम की यात्रा शुरु होने से पहले जहां जोशीमठ के नृसिंह मंदिर में तिमुंडा कौथीग और गरुड़ छाड़ का आयोजन किया जाता है, वहीं सलूड़ गांव में विश्व धरोहरों में शामिल रम्माण मेले का आयोजन किया जात है। लेकिन वर्ष 2020 और 21 में कोरोना की पाबंदियों के चलते आयोजनों को सीमित लोगों की मौजूदगी में परम्परा निर्वहन के लिये आयोजित किया गया। ऐसे में अब दो वर्षों बाद इस वर्ष आयोजनों की भव्य रुप से आयोजित करने को लेकर आयोजन समितियों की ओर तैयारियां की जा रही है। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार जोशीमठ ब्लाॅक के सलूड़-डुंग्रा गांव में आयोजित होने वाला रम्माण मेला जहां 27 अप्रैल को आयोजित किया जाएगा, वहीं जोशीमठ नृसिंह मंदिर में 30 अप्रैल को तिमुंडया और पांच मई को गरुड़ छाड़ मेले के आयोजन के बाद आठ मई को बदरीनाथ धाम के कपाट ग्रीष्मकाल के लिये खोल दिये जाएंगे।

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