बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष  अजेंद्र अजय ने जोशीमठ स्थित प्रसिद्ध नृसिंह मंदिर परिसर के निकट हो रहे भू धंसाव के भौगोलिक निरीक्षण के लिए भू वैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग (जीएसआई) निदेशक को पत्र लिखा है।  

यह जानकारी देते हुये बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया नृसिंह मंदिर स्थल विशेष की महत्ता का उल्लेख करते हुए मंदिर समिति अध्यक्ष ने जीएसआई तकनीकी विशेषज्ञों  द्वारा भौगोलिक निरीक्षण के पश्चात  परीक्षण रिपोर्ट/ आख्या एवं सुझाव मंदिर समिति को उपलब्ध कराने के लिए कहा है। ताकि मंदिर समिति भूधंसावरोधी कार्ययोजना पर कार्य कर सके।

मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र ने पत्र में उल्लेख किया है कि पर्यटन एवं तीर्थाटन के लिए प्रसिद्ध ज्योर्तिमठ/जोशीमठ नगरी  भगवान बदरीविशाल की शीतकालीन गद्दी स्थल  तथा सनातन धर्म का केंद्र बिंदु है। मंदिर समिति की ओर से कुछ वर्ष पूर्व नृसिंह मंदिर जोशीमठ का जीर्णोद्धार कराया गया यह मंदिर हिमाद्रि शैली की वास्तुकला का विशिष्ट उदाहरण है।

उन्होंने उल्लेख किया है कि नृसिंह मंदिर परिसर का कुछ भू भाग जो कि मंदिर समिति कर्मचारी आवास के निकट है भू गर्भीय कारणों से धंस रहा है। मंदिर निर्माण के समय मंदिर समिति की ओर से स्थल विस्तारीकरण कार्य के तहत 90 मीटर गहरे  राफ्ट के प्रयोग से दीवार निर्माण कार्य किया था। जैसा कि जोशीमठ नगर में कई स्थानों पर भू धंसाव देखा जा रहा है इसलिए समय रहते बचाव कार्ययोजना बनाने की आवश्यकता है।

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