गोपेश्वर (चमोली)। ग्राम प्रधान संगठन चमोली ने कैलाश-मानसरोवर यात्रा नीती घाटी से शुरु करने को लेकर मुहीम शुरु कर दी है। प्रधान संगठन की ओर से मुहीम के पहले चरण में विभिन्न राजनैति दल के जन प्रतिनिधियों व जिले गणमान्य लोगों से मुहीम को लेकर समर्थन जुटाया जा रहा है। शनिवार को संगठन के प्रतिनिधि मंडल ने देहरादून में पूर्व काबिना मंत्री केदार सिंह फोनिया और श्री गुरुराम राय विश्व विद्यालय के कुलपति डा. उदय सिंह रावत से मुलाकात की।

ग्राम प्रधान संगठन के प्रदेश महामंत्री मोहन नेगी और महामंत्री पुष्कर सिंह राणा ने बताया कि वर्ष 1962 के भारत-चीन युद्ध से पूर्व नीती घाटी से भारत-तिब्बत व्यापार के साथ ही कैलाश मनसोरवर यात्रा भी की जाती थी। लेकिन युद्ध के बाद घाटी से व्यापार बंद होने के साथ ही यात्रा भी बंद हो गई। पूर्व काबिना मंत्री केदार सिंह फोनिया का कहना है कि  महात्मा ग़ांधी की हत्या के बाद जवाहर लाल नेहरु के आग्रह पर बंगाल कलकत्ता के बुद्धा बोस ने अपने साथियों के साथ स्थानीय निवासी बाला सिंह पाल के साथ इस मार्ग से ही कैलाश मानसरोव में गांधी का अस्थियों का विसर्जन किया था। कहा कि नीती घाटी का मार्ग सुगम और दो दिनों की पैदल यात्रा का मार्ग है। उन्होंने कहा नीती घाटी से कैलाश मनसरोवर यात्रा शुरु होने से जहां यात्रियों को सुगमता होगी वहीं चमोली जिले और नीती घाटी में भी पर्यटन विकास हो सकेगा। इस मौके पर सतेंद्र पाल, बैशाख सिंह, दीपक चैहान, बच्चन सिंह रावत और नन्दन सिंह रावत मौजूद थे।

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