मंगलवार को पहले दिन श्री गणेश मंरिर के कपाट हुए बंद हुए
अभी तक सत्रह लाख अड़तीस हजार से अधिक तीर्थ यात्रियों ने किये भगवान के दर्शन
बदरीनाथ (चमोली)। हिन्दुओं की आस्था के धाम बदरीनाथ के कपाट 19 नवम्बर शाम को शीतकाल के लिए बंद हो जायेंगे। इससे पहले मंगलवार को पंच पूजाएं शुरू हो गयी। इसी प्रक्रिया में छोटे निकटवर्ती मंदिरों के कपाट बंद होने की शुरुआत हो गयी। मंगलवार को पंचपूजाओं के तहत प्रातः धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल ने श्री गणेश जी को मंदिर परिसर से श्री बदरीनाथ मंदिर गर्भगृह में दर्शन के लिए विराजमान किया गया। इस अवसर पर रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल तथा वेद पाठी रवीन्द्र भट्ट न गणेश जी की विशेष पूजा- अर्चना की।
देर शाम को श्री गणेश जी के कपाट बंद हो गए हैं। श्री बदरीनाथ, केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि अभी 1738872 (सत्रह लाख अड़तीस हजार आठ सौ बहत्तर) तीर्थयात्री श्री बदरीनाथ धाम पहुंच गये है। श्री बदरीनाथ धाम बर्फ से ढ़का है इसके बावजूद श्रद्धालुओं का पहुंचना जारी है। उन्होंने बताया कि बुधवार 16 नवम्बर को श्री आदिकेदारेश्वर जी को समाधि रूप देकर कपाट बंद किये जायेंगे। 17 नवम्बर गुरूवार को खडग पुस्तक पूजन के बाद वेद ऋचाओं का वाचन बंद हो जायेगा। 18 नवम्बर को माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना 19 नवंबर को रावल जी स्त्री भेष धारण कर माता लक्ष्मी को श्री बदरीनाथ जी के समीप्य प्रतिष्ठित करेंगे। इससे पहले श्री उद्धव जी, श्री कुबेर जी मंदिर परिसर में आ जायेंगे। इसी दिन शाम 3 बजकर 35 मिनट पर श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो जायेंगे।
