गोपेश्वर (चमोली)। संयुक्त कर्मचारी महासंघ ने शासन की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में जीएमवीएन और केएमवीएन के बंगलों को प्राइवेट हाथों में दिए जाने की बात की जा रही है जिसका उनका संगठन विरोध करता है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने अपने फैसले को वापस नहीं लिया तो संगठन आंदोलन के लिए बाध्य होगा।
संगठन की जिला ईकाई के अध्यक्ष श्याम लाल सैंजवाल, महासंघ के उपाध्यक्ष अनिल जोशियाल, महामंत्री दिनेश भट्ट ने कहा कि शासन की ओर से बंगालों को प्राइवेट हाथों में दिया जाना न्याय संगत नहीं है। उन्होंने कहा कि चमोली जिले समेत उत्तराखंड के तमाम ऐसे बंगले भी है जो सरकार को कमा कर दे रहे है। और लाभ पर चल रहे है। जिन्हें प्राइवेट हाथों में दिया जाना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि इन बंगलों को प्राइवेट हाथों में दिया जाता है तो यहां कार्यरत संविदा कर्मियों पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने शासन स्तर पर हुई वार्ता के क्रम में पर्यटन सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक के अनुसार अभी तक उन्हें सातवां वेतन के अनुरूप संविदा कर्मियों को लाभ नहीं दिया गया है। उन्होंने कुमायूं और गढ़वाल मंडल के निगमों को पर्यटन परिषद मेें विलय किये जाने की मांग की है।

 

हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें
                   
                                                         

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!