गोपेश्वर (चमोली)। राष्ट्रीय राजमार्ग और राज्य मार्ग पर से अतिक्रमण हटाये जाने के नोटिस का अब चमोली जिले में विरोध होने लगा है। जिसको लेकर स्वरोजगार से जुड़े युवाओं के साथ ही ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। जिसको लेकर शुक्रवार को कर्णप्रयाग के नौटी क्षेत्र के तमाम बाजार बंद रहे साथ ही ग्रामीणों और कर्णप्रयाग व्यापार संघ ने कर्णप्रयाग तहसील मुख्यालय पर प्रदर्शन भी किया।

राष्ट्र राजमार्ग के साथ ही राज्य मार्ग के दोनों ओर से अतिक्रमण हटाये जाने को लेकर वर्तमान समय में हाई कोर्ट के निर्देश के बाद जिला प्रशासन और एनएच प्रशासन सख्त हो गया है। उसने लोगों को नोटिस जारी कर अतिक्रमण हटाने के आदेश जारी किये है। अतिक्रमण को हटाये जाने को लेकर बीकेटीसी के पूर्व सदस्य अरूण मैठाणी, वन पंचायत सरपंच सनोज नौटियाल, भाजपा के मंडल महामंत्री सुभाष नौटियाल का कहना है कि अतिक्रमण हटाये जाने के नाम पर लोगों की नाप भूमि पर बने आवासीय और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को हटाये जाने की बात की जा रही है जो सरासर गलत है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में युवा जो बाहर रोजगार कर रहे थे अपने घरों आ गये और अब यहीं रोजगार कर रहे है ऐसे में उन युवाओं का व्यवसाय बर्वाद किया जा रहा है। एक ओर सरकार पलायन रोकने की बात कर युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने की बात कर रही है वहीं दूसरी ओर जो युवा सड़क के किनारे ठेली लगाकर रोजगार कर रहे है उनका रोजगार छिना जा रहा है ऐसे में क्यों कोई युवा यहां रहेगा और कैसे पलायन रूकेगा। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि हाई कोर्ट में सही वस्तु स्थिति को रखते हुए युवाओं के रोजगार को छिनने से बचाने के लिए ठोस पहल करे। अतिक्रमण हटाये जाने के विरोध में नौटी क्षेत्र के तमाम बाजार बंद रहे। प्रदर्शन करने वालों में अरूण मैठाणी, सनोज नौटियाल, सुधा नोटियाल, गोदांबरी देवी, राजेंद्र चैहान, विनोद चैहान, रैवत सिंह, ताजवर सिंह, आशीष नेगी आदि मौजूद थे।

वहीं दूसरी चमोली जिला मुख्यालय के गोपेश्वर-चोपता मोटर मार्ग पर सगर में कोरोना के बाद गांव लौटे युवा सुनील सिंह कुंवर का कहना है कि उन्होंने यहां पर स्वरोजगार के लिए एक अस्थाई ढाबा बनाया है जिससे रूद्रनाथ, तुंगनाथ और चोपता जाने वाले यात्रियों और पर्यटकों को नास्ते और भोजन की सुविधा मिल सके तथा कोरोना काल में छिने उनके रोजगार की भरपाई हो सके लेकिन अब एनएच की ओर से उन्हें नोटिस जारी कर ढाबा हटाये जाने की बात कही गई है। उनका कहना है कि सरकार युवाओं को रोजगार देने के बाजाय उनका रोजगार छिन रही है। उनका कहना था कि हम इसी गांव के रहने वाले हमने बाहर से आकर भी यहां पर अतिक्रमण नहीं किया है। छोटा सा ढाबा चलाकर परिवार का भरण पोषण कर रहे थे उसे भी छिन लिया गया है।

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