गोपेश्वर (चमोली)। चमोली जिले में हो रही बारिश के चलते ग्रामीण क्षेत्रों में यातायात सुविधा के लिये बनी सड़कें खतस्ताहालत में पहुंच गई हैं। जिले में बारिश के चलते 39 सड़कें बाधित पड़ी हुई हैं। जिनमें कई सड़कें लम्बे समय से बाधित पड़ी हैं। जिससे ग्रामीणों को आवाजाही में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में प्रशासन की ओर से बारिश के दौरान सुचारु यातायात के लिये की गई तैयारियां जिले में नाकाफी साबित हो रही हैं।
चमोली जिले में जहां गुरूवार रात्रि को हुई बारिश के चलते 39 सड़कें बाधित हो गई थी, वहीं जिले में जोशीमठ ब्लॉक की सलूड़-डुग्रां सड़क लम्बे से बाधित पड़ी हुई है। जिससे यहां सलूड, डुंग्रा, पगनो और बरोसी गांवों के ग्रामीणों को आवाजाही में खासी दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं। ऐसे ही ब्लॉक के बेनाकुल गांव को यातयात से जोड़ने वाली सड़क 12 दिनों से बोल्डर आने से बाधित पड़ी हुई है। लेकिन प्रशासन की ओर से कोई प्रयास न किये जाने के चलते यहां ग्रामीण अब स्वयं ही बोल्डर के नीचे आग जलाकर सड़क सुचारु करने का प्रयास कर रहे हैं। सलूड़-डुंग्रा दिगम्बर सिंह, गोविंद सिंह, ईश्वर चैहान और भगत सिंह का कहना है कि बारिश को मौसम शुरु होने के बाद से सलूड-डुंग्रा सड़क सुचारु नहीं हो सकी है। जिसके चलते क्षेत्र के ग्रामीण मलबे के ऊपर से पैदल आवाजाही कर अपने गंतव्य को जा रही हैं। ऐसे ही बारिश के चलते आये दिन सड़कों के बाधित होने से ग्रामीण क्षेत्रों में सामान्य यातयात चुनौती बना हुआ है। जिससे प्रशासन की ओर से मानसून सीजन से पूर्व की गई मैराथन बैठकों और कार्य योजनाओं में की गई तैयारियां नाकाफी साबित हो रही हैं।
जिले में सड़कों को सुचारु रखने के प्रयास किये जा रहे हैं। सभी विभागों की ओर से सड़क के भूस्खलन संभावित स्थानों पर मशीनें और मजदूर तैनात किये गये हैं। लेकिन अधिक बारिश होने के चलते सड़कों को सुचारु करने में दिक्कते पैदा हो रही हैं।
नंद किशोर जोशी, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी, चमोली।